बुधवार, 2 मार्च 2016

bagheli kavitaजस पियरी पहिरे छलै पञ्चवटी का सन्त। ।

अस कागद के फूल मा गमकैं लाग बसन्त। 
जस पियरी पहिरे छलै पञ्चवटी का सन्त। । 
हेमराज हंस --9575287490 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें