शनिवार, 26 मार्च 2016

चाहे भले कल्लात है पै कुतकुती तो ही हेमराज हंस ==मैहर =9575287490

                ✱  बघेली गजल✱

अब रोज़ी  कै बात कर रोटी कै बात कर। 
गरीब हें निपर्दा लगोटी कै बात कर। । 

त्राहि त्राहि मची ही पानी कै देस मा 
नाहक बहैं न पाबै टोंटी कै बात कर। । 

मुँह मा भरे बिक्ख भले 'नीलकण्ठ 'बन 
समाज माही शीला सपोटी कै बात कर। । 

चाहे भले कल्लात है पै कुतकुती तो ही
 भउजाई केर चींथी चिकोटी कै बात कर। । 

जे आने का गडबा खनिस ता खुद सकाय गा 
अच्छाई हेर निन्दा न खोटी कै बात कर। । 

बिलार के गरे मा घंटी अब न बांध हँस 
पिंजरा म बंद मिठठू चित्रकोटी कै बात क़र। । 
हेमराज हंस ==मैहर =9575287490   

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