शुक्रवार, 8 नवंबर 2024

बाबू जी।


                   बाबू जी 
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बड़ी मुसीबत झेल के हमही, पालिन पोसिन बाबू जी। 
लदी गरीबी से  गाड़ी  का, बल  भर  ढ़ोसिन  बाबू जी।।

मन तक गहन धरिन बेउहार के हम पंचेन के पढ़ाई मा 
पै न तन मा रही  सिरिहिरी , कबौ ना  घोसिन बाबू जी।।

बब्बा जी  के गुजरे  माही,   भींज  रहीं   दोउ  आँखी
तउ फुआ का धीर बंधाबत अँसुआ पोछिन  बाबू जी।।

बड़की नातिन के काजे मा, ओइन  कन्या दान किहिन 
बिन अम्मा के पीर हिदय मा खूब समोखिन बाबू जी।।

हिबै  बरा अस जिनखर छांही  हर शाखा से निकरी जर 
राम  चरित  मानस  चउपाई, प्रेम से घोखिन  बाबू जी।।

एक  ईमान दार  पिता   कै  संतान   होब   है  हंस  गर्व 
कबाै  न काहू का गर मुधिआइन औ मुसोसिन  बाबू जी।।
हेमराज हंस भेड़ा मैहर -9575287490 

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