बघेली साहित्य bagheli sahitya हेमराज हंस
BAGHELI बघेली RIMHI RACHNA रचना का संगम
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अटलबिहारी।
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कवि रवि शंकर चौबे
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bagheli
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BAGHELI KAVI HEMRAJ HANS BHEDA
bagheli kavita
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CHITRKOOT KAVI SAMMELAN 14.08.2024
GANESH PUJAN
MAIHAR DHAM
MAIHAR STATE
sahitya
SAMMAN PATRA
SHLOK
मंगलवार, 2 फ़रवरी 2016
BAGHELI DOHA
बघेली
जनता खुब बिदुरा थी देख देख के स्वांग।
बड़े सूध ज्ञानी लगैं बांख अउ जडब्वान्ग।
।
हेमराज हंस
बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : बरदाँय का आगे आगे। । HEMRAJ HANS
बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : बरदाँय का आगे आगे। । HEMRAJ HANS
: काहे बगत्या भूखे लांघे। रात रात उस्नीधे जागे। । बियांय का न पजांय का बरदाँय का आगे आगे। । हेमराज हंस == मैहर
बरदाँय का आगे आगे। । HEMRAJ HANS
बघेली मुक्तक
काहे बगत्या भूखे लांघे।
रात रात उस्नीधे जागे।
।
बियांय का न पजांय का
बरदाँय का आगे आगे।
।
हेमराज हंस == मैहर
बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : रुपिया किलो गोहूँ दुइ रुपिया पिसाई। खाय मोर ललुआ ...
बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : रुपिया किलो गोहूँ दुइ रुपिया पिसाई।
खाय मोर ललुआ ...
: रुपिया किलो गोहूँ दुइ रुपिया पिसाई। खाय मोर ललुआ पोबै मोर दाई। । तुमहूं गरीबी का पंचनामा बनबा ल्या बोलिआय देवर हसै भउजाई। । हेमरा...
बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : BAGHELI साथै पंडित नउआ लये बागा थें। ।
बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : BAGHELI साथै पंडित नउआ लये बागा थें। ।
: बघेली मुक्तक कोऊ अद्धी कोउ पउआ लये बागा थें । कोऊ तीतुर कोउ कउआ लये बागा थें। । लोकतंत्र के स्वयंवर मा कुर्सी बरय का कोऊ साथै पंडित...
BAGHELI साथै पंडित नउआ लये बागा थें। ।
बघेली मुक्तक
कोऊ अद्धी कोउ पउआ लये बागा थें ।
कोऊ तीतुर कोउ कउआ लये बागा थें।
।
लोकतंत्र के स्वयंवर मा कुर्सी बरय का
कोऊ साथै पंडित नउआ लये बागा थें।
।
हेमराज हंस ===9575287490
गुरुवार, 21 जनवरी 2016
चउकस गिरा मघावट भाई।
जिव मा सबके तरावट आई।
।
गद्गद भै किसान कै छाती
करिस सजावट धरती माई।
।
हेमराज हंस
रुपिया किलो गोहूँ दुइ रुपिया पिसाई।
खाय मोर ललुआ पोबै मोर दाई।
।
तुमहूं गरीबी का पंचनामा बनबा ल्या
बोलिआय देवर हसै भउजाई।
।
हेमराज हंस
मंगलवार, 19 जनवरी 2016
पीठे मा कोड़न के दाग देख ल्या। हेमराज हंस
पहिले
पीठे मा कोड़न के दाग देख ल्या
।
फेर गरीबन से आपन अनुराग देख ल्या।
।
डस रहे गरीबन का जे गाँव गाँव मा
दरबारन के पाले पोसे नाग देख ल्या।
।
हेमराज हंस
कवि समाज के साथ ठाढ़ ह्वा थै ।। हेमराज हँस
वर्तमान आज के साथ ठाढ़
ह्वा थै
।
दरबारी ताज के साथ
ठाढ़
ह्वा थै
।
।
पीरा के आँसू अगाधैं उरयाहै का
कवि समाज के साथ
ठाढ़
ह्वा थै
।
।
हेमराज हँस
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