पहिले पीठे मा कोड़न के दाग देख ल्या।
फेर गरीबन से आपन अनुराग देख ल्या।।
डस रहे गरीबन का जे गाँव गाँव मा
दरबारन के पाले पोसे नाग देख ल्या। ।
हेमराज हंस
फेर गरीबन से आपन अनुराग देख ल्या।।
डस रहे गरीबन का जे गाँव गाँव मा
दरबारन के पाले पोसे नाग देख ल्या। ।
हेमराज हंस
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