रविवार, 17 जनवरी 2016

हम गंगा लै आनित बइठ के नेबार मा। ।

चुङइलिन के भाव अबै नीक के ठंडान नही 
अभुआय लगे हें परेत पुन देबार मा। 
शहरन मा गॉवन मा घर घर दुआर मा। । 
कहिन सेंतै भागीरथ तपिस्या करिन तै 
हम गंगा लै आनित बइठ के नेबार मा। । 
हेमराज हंस

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