जब जन सेवक विकास खा रहे हें। ता बकुला शरम के मारे सल्फास खा रहे हें।। फियुज बलफ से अजोर का उद्घाटन बिजली घर सगला प्रकाश खा रहे हें। । हेमराज हंस 9575287490
सब सुरिज का सराहा थें निकहा माना थें। पै ओखर पवाईदार दिया का दुपट्टा ताना थें। । ओरहन दये मा गिरहन कै धमकी दरबारी ओजोन परत मा कट्टा ताना थे। । हेमराज हंस
चुङइलिन के भाव अबै नीक के ठंडान नही अभुआय लगे हें परेत पुन देबार मा। शहरन मा गॉवन मा घर घर दुआर मा। । कहिन सेंतै भागीरथ तपिस्या करिन तै हम गंगा लै आनित बइठ के नेबार मा। । हेमराज हंस
शनिवार, 16 जनवरी 2016
मटकी पर मटकी धरे मटकी मटकी जाय।
सागर की औकात क्या कुम्भज लिया समाय। ।
जनता का पलुहा रहें दय दय के लहकउर। गोबर से घिनहा थें धरे चउक मा गउर। । हेमराज हंस