उइ अपने का रास्टीय पाल्टी बताउथें।
गिलास अपने आप का बाल्टी बताउथें।।
देस भर मा उनखर जब खासा बिज मरी भै
ता उइ नकली बीज कै क्वालटी बताउथें। ।
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सोमवार, 21 नवंबर 2022
गिलास अपने आप का बाल्टी बताउथें।।
रविवार, 20 नवंबर 2022
धन्न हे ! बानी पूत
आंखर आंखर मा अमर ,लछिमन सिंह परिहार। ।
अपने बोली का दिहिन, जिवभर खूब दुलार।
पयसुन्नी रेबा कहै , जय महराज कुमार । ।
समय लिखी इतिहार जब , कबौ बघेली सूत।
बांच बांच बिंध्या कही , धन्न हे ! बानी पूत। ।
शनिवार, 19 नवंबर 2022
सोमवार, 14 नवंबर 2022
राजनीत ता केबल आपन बाधा द्याखा थी
जब कबहूं द्याखा थी ता वा आधा द्याखा थी।
राजनीत ता केबल आपन बाधा द्याखा थी।।
कोऊ बइठय सिंघासन के गरू पालकी मा
जनता लहकत लोकतंत्र का कांधा द्याखा थी। ।
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टेक्टर जब से आबा ता बरदा हेराय गा।
गाँव के रीढ़ का गरदा हेराय गा।।
अब चाल चेहरा चरित्र कै चरचा नहीं चलै
घिनहा पानी निकरैं का नरदा हेराय गा। ।
गाँव के रीढ़ का गरदा हेराय गा।।
अब चाल चेहरा चरित्र कै चरचा नहीं चलै
घिनहा पानी निकरैं का नरदा हेराय गा। ।
शुक्रवार, 11 नवंबर 2022
अउलाद का तरसा थै
किसान बिचारा खाद का तरसा थै।
निर्बल बपुरा फरिआद का तरसा थै।।
कोऊ जीबन काटा रहा है बृद्धाआश्रम मा
औ कोऊ आंसू ढारत अउलाद का तरसा थै।।
निर्बल बपुरा फरिआद का तरसा थै।।
कोऊ जीबन काटा रहा है बृद्धाआश्रम मा
औ कोऊ आंसू ढारत अउलाद का तरसा थै।।
हम समाज के मिल्लस कै आसा करी थे।
ता अपना हमरे ऊपर इस्तगांसा करी थे।।
बहुरुपियव लजाय जाय अपना का देख के
निकहा नाटक नेरुआ औ तमासा करी थे। ।
गुरुवार, 10 नवंबर 2022
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बघेली दारू बन्द बिहार मा लागू कड़क अदेश। भर धांधर जो पिअय खै आबा मध्य प्रदेश। । आबा मध्य प्रदेश हियां ता खुली ही हउली। पानी कै ही ...
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राम जू कै सजी हिबै राजधानी। मारै हिलोर सरजू का पानी। । छूटि गा इतिहासन का करखा। या सुभ सुदिन का तरसिगें पुरखा। । राम जी के...
























































































































































































































































