रविवार, 6 नवंबर 2022

जुर्मी सरकार नहीं होय

 दुइ  औ  दुइ  सब  दिन  चार नहीं होय। 
भ्रस्टाचार  कबहूँ  गभुआर  नहीं होय।। 
बपुरे निरदोस जब मराथें  अकाल मउत 
दरबारी कहाथें जुर्मी  सरकार नहीं होय।  
 
भुंइ  हमार  मंदिर  आय  भूत  का  चउरा  न होय। 
या पुरखन कै थाती, धन्ना सेठ का कउरा न होय।
हमहीं    या   धरती     माता    से      कम      नहीं 
लिलारे का चन्दन आय देह का खउरा  न होय ।  । 
 
हेमराज हंस
8 MAR 2020 AT 0:44

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