मंगलवार, 2 जनवरी 2024

राम जू कै सजी हिबै राजधानी।

 राम जू कै सजी हिबै राजधानी। 
मारै   हिलोर  सरजू   का  पानी।। 

छूटि  गा  इतिहासन  का  करखा। 
या सुभ सुदिन का तरसिगें पुरखा। । 
राम जी के मन्दिर कै निर  मानी। 
राम जू  कै सजी हिबै  राजधानी। 

संबत  दुइ  हजार  सुभ अस्सी। 
 पूस दुआस सुदी सोम तपस्सी। । 
गूँजी    अबध    मा   बेद बानी। 
 राम जू  कै सजी हिबै राजधानी। । 

दुनिया निरखै  गउरब भारत। 
बीना  बाजामै  शारद  नारद।। 
लेय निता राघव कै अगमानी।
 राम जू कै सजी हिबै राजधानी। । 

अबध बिराजें  राम लला  जू। 
सबका मन गदगद है आजू। । 
हंस अपने का मानाथें भागमानी। 
राम जू कै सजी हिबै राजधानी। । 
हेमराज हंस -मैहर 
  

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