गुरुवार, 19 दिसंबर 2019

बिटिआ कै बसकट (जन्मदिन)

बड़े सकारे बिटिआ बोली बड़े उराव भरे। 
पापाऽ  आजु मोर बसकट ही हरबी अया घरे।। 

हम न कहब कि तुम लइ आन्या हमी मिठाई केक। 
घर मा सब जन बड़े प्रेम से खाब अंगाकर सेक।। 
झोरा माही दस रुपया कै लइया लया धरे। 

बचै केराया से जो पइसा लीन्हया एक कलम। ज्यमा  उरेहब अच्छर अच्छर सीखब लिखय करम।। 
पढ़ब  लिखब ता देखि लिहा पुन दिन अपनिव बहुरे।। 

मोहि न चाही नये नये ओन्हा येतु करया बंधेज। 
रक्छा होय मोरे बचपन कै औ पढि सकउ  कलेज।। 
सुसुकि सुसुकि के रोबैं लागी दोऊ तरइना  भरे।
पापा   आज मोर बसकट ही हरबी अया घरे।। 

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