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रविवार, 5 मई 2024
तब ईस्वर का लें परा, फरस राम अबतार
शनिवार, 4 मई 2024
जग मा होत प्रसिद्ध
जो जटायु अस रहत ता जग मा होत प्रसिद्ध।।
भ्रष्टाचार से कइ रहें शिष्टाचार कै सउंज।।
मंगलवार, 30 अप्रैल 2024
हम मजूर बनिहार बरेदी आह्यन लेबर लगुआ। BAGHELI KAVITA
श्रमिक दिवस की हार्दिक शुभकामनायें
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हम मजूर बनिहार बरेदी आह्यन लेबर लगुआ।
करी मशक्क़त तनमन से हम गरमी जाड़े कदुआ। ।
माघ पूस कै ठाही हो चह नव तपा कै दुपहरिया।
सामान भादौ के कादौ मा बे पनही बे छतरिया। ।
मिलब कहू हम पाथर फोरत करत कहूं हरवाही।
खटत खेत खरिहान खान म कबहूं ताके पाही। ।
हम कहू का काम निकारी औ काहू के बंधुआ।
हम मजूर------------------------------------
''कर्म प्रधान विश्व करी राखा ''कहि गें तुलसी दास।
कर्म देव के हम विश्कर्मा देस मा पाई त्रास। ।
शोषक चुसि रहे हे हमही अमर बेल की नाइ।
अउर चुहुकि के करै फराके गन्ना चीहुल घाई। ।
दुधिआ दातन मा बुढ़ाय गा हमरे गाँव का गगुआ।
हम मजूर ------------
हम पसीना से देस का सीच्यन हमरै किस्मत सूखी।
देस कोष मा भरयन लक्ष्मी घर कै "लक्ष्मी" भूखी। ।
घूंट घूँट अपमान पिअत हम गढ़ी प्रगति कै सीढ़ी।
मन तक गहन है बेउहर के हेन रिन मा चढ़ गयीं पीढ़ी। ।
फूंका परा है हमरे घर मा तउ हम गाई फगुआ। ।
हम मजूर ------------
हमिन बनायन लालकिला खजुराहो ताज महल।
हमिन बनायन दमदम पालम सुघर जिहाज महल। ।
हमहिंन बाँध्यन नदिया नरबा तलबा अउर तलइया।
हमिन बनायन धमनी चिमनी लखनऊ भूल भुलइया। ।
हम सिसकत सीत ओसरिया माहीं धइ के सोई तरुआ।
हम मजूर------------------------------------
बिन खाये के गंडाही का है छप्पन जेउनार।
कनबहिरे भोपाल औ दिल्ली को अब सुनै गोहर। ।
जब जब माग्यन उचित मजूरी तब तब निथरा खून।
पूंजी पति के पॉय तरी है देस का श्रम कानून। ।
काल्ह मारे गें सुकुल, तिबारी, दत्ता, नियोगी, रघुआ।
हम मजूर ---------------------------------
भले ठेस ठेठा कराह से हाँकी आपन अटाला।
पै हम करब न घात देस मा भ्रष्टाचार घोटाला। ।
जे खून पसीना अउंट के माड़ै रोटी केर पिसान।
हमी उराव है अइसन माई बाप कै हम संतान। ।
हमरे कुल मा पइदा नहि होंय डाकू गुंडा ठगुआ।
हम मजूर बनिहार बरेदी आह्यन लेबर लगुआ। ।
✍️*हेमराज हंस भेड़ा मैहर*
सोमवार, 29 अप्रैल 2024
पइ महलन के कोंख से आये सब दिन बुद्ध।।
पूंछ रही ही दलन से, लोक सभा कै ईंट।
रविवार, 28 अप्रैल 2024
गरीबन के खातिर सब मनसेरुआ हें।
शनिवार, 27 अप्रैल 2024
काहू का चीकन चांदन ता कोहू का करबर रहा।
छंद के लिखइया नारा लिखय लगें
बुधवार, 24 अप्रैल 2024
सुमरी कै सउंज देखा गइया उतारैं लाग।
सुमरी कै सउंज देखा गइया उतारैं लाग।
सरबार केर पानी दइया उतारैं लाग।।
मोरे रामपुर का खुरचन रसगुल्ला ताला के
मिठास कै बरबरी लइया उतारैं लाग। ।
सथरी मा सोये हें जे कथरी का ओड़ के
वा सुक्ख केर सउंज रजइया उतारैं लाग।।
जेसे सिखिस ही टिमटिमाब लइके अँजोरिय
वा सुरिज केर सउंज तरइया उतारैं लाग।।
माटी कै महक हंस हिबै लोक गीत मा
बम्बइया केर सउंज गबइया उतारैं लाग।।
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मैहर जिला ---------------------------------- मइहर जिला शारद नगरी। जेखर कीरती जग बगरी।। पहिलय पूजा करै नित आल्हा। रोज चढ़ाबै ...
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बघेली कविता हम सरबरिया बांम्हन आह्यन मिलब सांझ के हउली मां। मरजादा औ धरम क ब्वारब, नदिया नरबा बउली मां॥ होन मेल जोल भाईचारा कै, ...