गुरुवार, 11 अप्रैल 2024

भक्ती माही लीन है, नगर देस औ गांव

 लोक  पर्ब नवरातरी, सक्ति आराधन   केर। 

बहिनी बिटिआ चल दिहिन, पूजैं देबी  खेर।।

पुजहाई  टठिया  लये, मन  मा  भरे  उराव। 

भक्ती  माही  लीन है,  नगर  देस औ  गांव। ।

हेमराज हंस 


पाबन मइहर धाम

 कोऊ बदना बदि रहा, सिद्ध काहु का काम। 

कलसा लै  जलसा चला,  पाबन मइहर धाम।। 

हेमराज हंस  

सोमवार, 8 अप्रैल 2024

भारत का नवरात

 अचरा मां ममता धरे, नयनन धरे सनेह।

माँ शारद आशीश दे,शक्‍ति समावे देह। । 

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नारी के सम्मान से,सम्बत कै सुरुआत। 

दुनिआ का संदेस है, भारत का नवरात। । 


हे ! माता आसीस दे हम बालक हन तोर। 

सबके जीबन मा रहै, बुद्धी केर अजोर। ।  


छलक परे दोउ नैन

 राघव के  दरसन   निता, आँखी  रहीं   बेचैन। 
जब मंदिर के पट खुलें, छलक परे दोउ नैन।।
हेमराज हंस   

रविवार, 7 अप्रैल 2024

जउन बोया वा काटा भाई।

 जउन   बोया  वा  काटा  भाई। 

अब   काहे    का   घाटा  भाई।।


जर्जर   पोथी   ही  चरित्त कै 

वमै   चढ़ा   ल्या  गाता भाई।।


भया  सुखे  दुःख ठाढ़ न कबहूं  

तब    काहे   का   नाता  भाई। ।


बड़े    सत्तबादी    बक्ता    हा

पुन  थूंका   पुन  चाटा   भाई।।


आजु हबै मुँह जउकी का जउका   

काल्ह  कटी  पुन  लाटा भाई। । 


काहु  का परथन कहूं समर्थन 

आपन  मतलब    सांटा  भाई।।


ऐसी   कूलर  अपना  का  सुभ 

"हँस"   के   है  फर्राटा    भाई।  ।

हेमराज हँस --9575287490 


जुग जलसा भा अबध मा,

 जुग जलसा भा अबध  मा, उइ लीन्हिन मुँह फेर ।

तबय  कुसाइत  आय गै,  लिहिस   सनीचर  गेर।।

हेमराज हँस   


जातबाद का गाल

 हर  चुनाव मा बजा थै, जातबाद का गाल। 

फेर कोउ हिरकै नही, पूछय खातिर हाल।।

हेमराज हँस   

लोकतंत्र कै आतिमा

 लोकतंत्र  कै  आतिमा,  निर्बाचन   मतदान। 

बोट डार सब कोउ करी, प्रजातंत्र का मान।।  

हेमराज हंस 

शनिवार, 6 अप्रैल 2024

जब परछन भै अबध कै,

जब परछन भै अबध कै, ता उइ रहें रिसान। 
अब सत्ता  का स्वाद है,  खट्टा करू कसान।।  
जे जनता  के  भाबना, केर  करी  तउहीन। 
ता फुर माना राम दै, रही  न कउनव दीन।।  
हेमराज हँस  

शुक्रवार, 5 अप्रैल 2024