मंगलवार, 21 जनवरी 2020

              देस गीत

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आबा सब जन करी बंदना  या आजाद अकास कै। 
करी आरती भारतमाता  कै   चिंतन  इतिहास कै। । 

नमन करी हम बीर शिबा अउ पृथ्बीराज चौहान का। 
छत्रसाल के देस भक्ति का अउर अशोक महान का। । 

बंदन हम करि रह्यान आजु संतामन के चिनगारी का। 
पै न भूल्या भारत बासिव मीर ज़फ़र गद्दारी का। । 

आबा हम अभिनन्दन गाई देस भक्ति के रंग का। 
मेरठ के मङ्गल पांडे का आज़ादी के  जंग का। । 

झाँसी के लछमी बाई का औ झलकारी दासी का। 
आबा सुमिरी हम बिस्मिल का भगत सिंह के फांसी का। । 

ऊधम सिंह असफाक औ लहड़ी गरफन्दा का चूम गें। 
बंदेमातरम गाय -गाय के फांसी माही झूम गें। । 

औ आज़ाद आज़ादी खातिर हबन किहिन तै प्रान का। 
धरती काँपी तै प्रयाग कै देखि के वा बलिदान का। । 

आबा हमहूँ देखी केचुर कायर डायर नाग का। 
डस लीन्हिस जे अमृतसर के जालियांबाला बाग का। । 

आबा भाई नमन करी हम बाल पाल् औ लाल का। 
काट दिहिन जे अंगरेजन के कपट गुलामी जाल का। । 

आबा अच्छत फूल चढ़ाई औ सुधि करी सुभाष  कै। 
करी आरती भारतमाता कै चिंतन इतिहास कै। । 

आज़ादी के हबन कुण्ड मा  हूम करिन जे प्रान का। 
बीर पदमधर रणमत सिंह के सुमिरी हम बलिदान का। । 

आबा नमन करी नेहरू का भोगिन तै जे जेल का। 
भारत माता गदगद होइगै पाके पूत पटेल का। । 

भारत छोड़ो आन्दोलन कै चारिव कइ अबाज उची। 
औ सुराज के सुभ सकार कै डम डम डमरू बाज उची। । 

रोक न पाये अंग्रेजबा जब आज़ादी के आंधी का। 
भारत सोने के अच्छर मा नाव लिखे है गाँधी का। । 

सत्य अहिंसा के बल बापू आपन देस सहेज लिहिन। 
सन उन्नीस सै सैतालिस मा अंग्रेजबन का भेज दिहिन। । 

पंद्रह अगस्त सन सैतालिस का जन गण मन हरसाय गा। 
हंस  'तिरंगा'   भारत  माता  के   अँगना  फहराय   गा। ।  
               @हेमराज हंस भेड़ा 




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