देस गीत
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आबा सब जन करी बंदना या आजाद अकास कै।
करी आरती भारतमाता कै चिंतन इतिहास कै। ।
नमन करी हम बीर शिबा अउ पृथ्बीराज चौहान का।
छत्रसाल के देस भक्ति का अउर अशोक महान का। ।
बंदन हम करि रह्यान आजु संतामन के चिनगारी का।
पै न भूल्या भारत बासिव मीर ज़फ़र गद्दारी का। ।
आबा हम अभिनन्दन गाई देस भक्ति के रंग का।
मेरठ के मङ्गल पांडे का आज़ादी के जंग का। ।
झाँसी के लछमी बाई का औ झलकारी दासी का।
आबा सुमिरी हम बिस्मिल का भगत सिंह के फांसी का। ।
ऊधम सिंह असफाक औ लहड़ी गरफन्दा का चूम गें।
बंदेमातरम गाय -गाय के फांसी माही झूम गें। ।
औ आज़ाद आज़ादी खातिर हबन किहिन तै प्रान का।
धरती काँपी तै प्रयाग कै देखि के वा बलिदान का। ।
आबा हमहूँ देखी केचुर कायर डायर नाग का।
डस लीन्हिस जे अमृतसर के जालियांबाला बाग का। ।
आबा भाई नमन करी हम बाल पाल् औ लाल का।
काट दिहिन जे अंगरेजन के कपट गुलामी जाल का। ।
आबा अच्छत फूल चढ़ाई औ सुधि करी सुभाष कै।
करी आरती भारतमाता कै चिंतन इतिहास कै। ।
आज़ादी के हबन कुण्ड मा हूम करिन जे प्रान का।
बीर पदमधर रणमत सिंह के सुमिरी हम बलिदान का। ।
आबा नमन करी नेहरू का भोगिन तै जे जेल का।
भारत माता गदगद होइगै पाके पूत पटेल का। ।
भारत छोड़ो आन्दोलन कै चारिव कइ अबाज उची।
औ सुराज के सुभ सकार कै डम डम डमरू बाज उची। ।
रोक न पाये अंग्रेजबा जब आज़ादी के आंधी का।
भारत सोने के अच्छर मा नाव लिखे है गाँधी का। ।
सत्य अहिंसा के बल बापू आपन देस सहेज लिहिन।
सन उन्नीस सै सैतालिस मा अंग्रेजबन का भेज दिहिन। ।
पंद्रह अगस्त सन सैतालिस का जन गण मन हरसाय गा।
हंस 'तिरंगा' भारत माता के अँगना फहराय गा। ।
@हेमराज हंस भेड़ा
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