बुधवार, 15 अप्रैल 2015

दुनिया मा देस कै झाँकी न नसाबा। ।

मुक्तक 

ओइसै नसान है बाकी न नसाबा। 
दुनिया मा देस कै झाँकी न नसाबा। । 
 देस निता ''आजाद ''औ असफाक बलिदान भें 
 हमरे कबीर कै टांकी न नसाबा।।
  हेमराज हंस ---९५७५२८७४९० 

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