सोमवार, 6 अप्रैल 2015

उनही अई न कउनौ आँच।।

मुक्तक 

भ्रष्टाचार कई होई जाँच। 
हमी संच है बाँच बाँच। ।
येऊं काल्ह विपक्ष मा बैठिहै 
उनही अई न कउनौ आँच।।
 हेमराज हंस 
 

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