शनिवार, 18 अप्रैल 2015

जहां पसीने की हुई नामूजी तौहीन।

दोहा 

जहां   पसीने   की   हुई   नामूजी    तौहीन। 
वहां कभी बजती नही सुक्ख शांति की बीन। ।
            हेमराज हंस --9575287490   

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