गुरुवार, 30 अप्रैल 2015

हम निरीह मजबूर वतन में ये कैसा मजदुर दिवस। ।

मजदूर 

श्रम सीकर का शोषण करके शोषक रहा विहँस। 
हम निरीह मजबूर वतन में ये कैसा मजदुर दिवस। । 

हमने अपने श्रम से सींचा उनका वैभव खेत। 
स्वयं का जीवन ऊसर वंजर उष्ण मरू ज्यो रेत। । 
घुट घुट पीती घूंट घृणा की घुटकी मेहनत कस। 
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हेमराज हंस 

गुरुवार, 23 अप्रैल 2015

BAGHELI SAHITYA: इन्हें चाहिये वोट औ उनको ब्रेकिंग न्यूज़। ।

BAGHELI SAHITYA: इन्हें चाहिये वोट औ उनको ब्रेकिंग न्यूज़। ।: दोहा  राजनीति औ मीडिआ दोनों का दिल फियुज।  इन्हें चाहिये वोट औ उनको ब्रेकिंग न्यूज़। ।  हेमराज हंस

BAGHELI SAHITYA: दोहा शासक जब करने लगे शोषण अत्याचार।  ईश्वर को लेन...

BAGHELI SAHITYA: दोहा शासक जब करने लगे शोषण अत्याचार।  ईश्वर को लेन...: दोहा  शासक जब करने लगे शोषण अत्याचार।   ईश्वर को लेना पड़ा परसुराम अवतार। ।  हेमराज हंस

इन्हें चाहिये वोट औ उनको ब्रेकिंग न्यूज़। ।

दोहा 

राजनीति औ मीडिआ दोनों का दिल फियुज। 
इन्हें चाहिये वोट औ उनको ब्रेकिंग न्यूज़। । 
हेमराज हंस 

सोमवार, 20 अप्रैल 2015

शासक जब करने लगे

दोहा 

शासक जब करने लगे शोषण अत्याचार। 
 ईश्वर को लेना पड़ा परसुराम अवतार। । 
हेमराज हंस 

मिला सदैव इस देश को विप्रों का परसाद।

दोहा 

मिला सदैव इस देश को विप्रों का परसाद। 
चाहे परसुराम हों य मंगल ,अटल ,अज़ाद।।  
हेमराज हंस 


BAGHELI SAHITYA: युग नायक होते नही किसी जाति में कैद।

BAGHELI SAHITYA: युग नायक होते नही किसी जाति में कैद।: ------------------------------------------------ देश वासियो को'' अकती पर्व''की हार्दिक शुभ कामना।  -------------------...

BAGHELI SAHITYA: ज्याखर लड़िका ढंग से पढ़ि न सका स्कूल।

BAGHELI SAHITYA: ज्याखर लड़िका ढंग से पढ़ि न सका स्कूल।: दोहा  ज्याखर लड़िका ढंग से पढ़ि न सका स्कूल।  वा  तोहरे अत्याचार का सकी न हरबी भूल। ।     हेमराज हंस ----9575287490

युग नायक होते नही किसी जाति में कैद।

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देश वासियो को'' अकती पर्व''की हार्दिक शुभ कामना। 
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युग नायक होते नही किसी जाति में कैद। 
वे बीमार समाज के हैं शुभ चिंतक वैद। ।  
हेमराज हंस -------९५७५२८७४९० 

अहिल्या पुनः पाषाण होना चाहती है।

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मुक्तक लोक 
मुक्तक मेला --45 --शब्द मुक्तक -पत्थर /पाहन /पाषाण
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अहिल्या पुनः पाषाण होना चाहती है। 
पुरंदर कुदृष्टि का समाधान होना चाहती है। । 
काश   ये समाज जो सम्मान कर सके 
हर नारी आन वान और शान होना चाहती है। । 
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हेमराज हंस 

शनिवार, 18 अप्रैल 2015

ज्याखर लड़िका ढंग से पढ़ि न सका स्कूल।

दोहा 

ज्याखर लड़िका ढंग से पढ़ि न सका स्कूल। 
वा  तोहरे अत्याचार का सकी न हरबी भूल। ।
    हेमराज हंस ----9575287490 

BAGHELI SAHITYA: दुनिया भर में जब कभी ठगा गया श्रम स्वेद ।

BAGHELI SAHITYA: दुनिया भर में जब कभी ठगा गया श्रम स्वेद ।: दोहा  दुनिया भर में जब कभी ठगा गया श्रम  स्वेद ।  जला   गयीं   आहें उसे सभी कवच को भेद। ।            हेमराज हंस ----9575287490  ...

दुनिया भर में जब कभी ठगा गया श्रम स्वेद ।

दोहा 

दुनिया भर में जब कभी ठगा गया श्रम  स्वेद । 
जला   गयीं   आहें उसे सभी कवच को भेद। । 
          हेमराज हंस ----9575287490 


BAGHELI SAHITYA: ब्रह्म शब्द तक रो पड़ा धरा रह गया ज्ञान। ।

BAGHELI SAHITYA: ब्रह्म शब्द तक रो पड़ा धरा रह गया ज्ञान। ।: दोहा  लेखनी जब करने लगी कागद लहू लुहान।  ब्रह्म शब्द तक रो पड़ा धरा रह गया ज्ञान। ।           हेमराज हंस --9575287490

ब्रह्म शब्द तक रो पड़ा धरा रह गया ज्ञान। ।

दोहा 

लेखनी जब करने लगी कागद लहू लुहान। 
ब्रह्म शब्द तक रो पड़ा धरा रह गया ज्ञान। । 
         हेमराज हंस --9575287490 

BAGHELI SAHITYA: जहां पसीने की हुई नामूजी तौहीन।

BAGHELI SAHITYA: जहां पसीने की हुई नामूजी तौहीन।: दोहा  जहां   पसीने   की   हुई   नामूजी    तौहीन।  वहां कभी बजती नही सुक्ख शांति की बीन। ।             हेमराज हंस --9575287490  

जहां पसीने की हुई नामूजी तौहीन।

दोहा 

जहां   पसीने   की   हुई   नामूजी    तौहीन। 
वहां कभी बजती नही सुक्ख शांति की बीन। ।
            हेमराज हंस --9575287490   

बुधवार, 15 अप्रैल 2015

दुनिया मा देस कै झाँकी न नसाबा। ।

मुक्तक 

ओइसै नसान है बाकी न नसाबा। 
दुनिया मा देस कै झाँकी न नसाबा। । 
 देस निता ''आजाद ''औ असफाक बलिदान भें 
 हमरे कबीर कै टांकी न नसाबा।।
  हेमराज हंस ---९५७५२८७४९० 

चमचागीरी जिसके ख़ून में नही।

शेर 

चमचागीरी जिसके ख़ून में नही। 
उसका जिक्र तेरे मजमून में नही। । 
  हेमराज हंस --9575287490 

सोमवार, 13 अप्रैल 2015

करुणा क्रंदन !!गूंज रहा है खेतों से घर द्वार से। ।

मुक्तक 

हे !गिरधारी पुनः बचाओ !!इन्द्र के अत्याचार से। 
माना कि हम अपराधी हैं  अपने ही व्योहार से। । 
त्राहिमाम् कर रहा देश तरसेगा दाने- दाने को 
करुणा क्रंदन !!गूंज रहा है खेतों से घर द्वार से। । 
 हेमराज हंस -----------9575287490 

सोमवार, 6 अप्रैल 2015

उनही अई न कउनौ आँच।।

मुक्तक 

भ्रष्टाचार कई होई जाँच। 
हमी संच है बाँच बाँच। ।
येऊं काल्ह विपक्ष मा बैठिहै 
उनही अई न कउनौ आँच।।
 हेमराज हंस 
 

रविवार, 5 अप्रैल 2015

शुक्रवार, 3 अप्रैल 2015

जइसा जींस पहिर के काटै फसल किसान। ।

बघेली दोहा 

भ्रष्टाचार का होइ रहा देस मा यतर निदान। 
जइसा जींस पहिर के काटै फसल किसान। । 
                   हेमराज हंस 

गुरुवार, 2 अप्रैल 2015

सबसे पाहिले भूल वा बोलै केर सहूर।।

दोहा 

जालंधर वर पाय के सत्ता मद मा चूर। 
सबसे पाहिले भूल वा बोलै केर सहूर।।

हेमराज हंस 

केतु भा अजोर या करखा बताउथे। ।

मुक्तक 

खादी से कहां  चूक भै या चरखा बताउथे। 
केतु   भा अजोर   या  करखा   बताउथे। ।  
जे   रोज   बोतल   का   पानी   पिया  थें 
उई खुद का नदियन का पुरखा बताउथें।। 
 हेमराज हंस 

वा हमी ग्यान कै अमाबस जना थै

मुक्तक 


गोरसी   के  माथे  जज्ञ    नही    होय। 
भाषण भर से जनता कृतज्ञ नही होय। । 
वा  हमी   ग्यान  कै  अमाबस जना थै 
पहाड़ा रट के कोउ गणितज्ञ नही होय। । 
                             हेमराज हंस