मंगलवार, 17 जनवरी 2023

तसल्ली नहीं मिली

 तसला ता मिला खूब तसल्ली नहीं मिली। 
हमरे खिआन पनही का तल्ली नहीं मिली।
 
कउड़ा ताप    ताप   के   गुजारी   रात   हम  
जाड़े मा कबौं ओड़य का पल्ली नहीं मिली।
 
रक्छा  के   इंतजाम   केर   दाबा   बहुत    हें 
घर से जो निकरी बपुरी ता लल्ली नहीं मिली।
 
वा  नामी  धन्ना  सेठ    है  धरमात्मा   बहुत 
पै दुआरे मा गरीब का  रुपल्ली नहीं मिली। 
 
रिकॉड  मा गुदाम लबालब्ब भरी  हय हंस
जब जांच भै त एकठे छल्ली नहीं मिली। 
 
 
 
 
  
 
  

शुक्रवार, 13 जनवरी 2023

बुधवार, 11 जनवरी 2023

BAGHELI KAVITA लगत्या आजु पिआर

 बड़ा  अमारक जाड़  है,  ठठुराबय    दहिजार।
साजन से सजनी   कहिस, लगत्या आजु पिआर
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आरव मिला चुनाव का, जुरय लाग  सहदेब ।
राजनीत  ख्यालैं   लगी,  मेर   मेर   फउरेब। ।

मंगलवार, 3 जनवरी 2023

जबसे उनखे पइरा मा कुतिया बिआन ही

जबसे उनखे पइरा  मा कुतिया बिआन ही। 
तब  से सगली    ब्यबस्था बिल्लिआन ही।।
जब से सुनिन ही डी. एन. ए. कै जाँच का 
तब से उनखे  जिव का बड़ी गिल्लिआन ही।।
 
 

 य न पूँछा को कउन दल मा हें। 

 य  न  पूँछा  को  कउन दल मा हें। 
सब अपने समिस्या के हल मा हें।। 
जनता ता ओहिन का नेता माना थी 
सुख दुःख मा जे ओखे बगल मा हें। 

शुक्रवार, 30 दिसंबर 2022

चढ़य मूँड़ घर मा मालकिन का 

जात  फलाने 

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होथी  सड़क जब तात फलाने। 
जराथें    तरबा   लात   फलाने।। 
 
को   को   ओखे   ऊपर  हींठा 
वा   नहि  पूंछय   जात  फैलाने।। 
 
करज  लेत  मा  खूब सराहिन 
देत मा टूट गा  भात फलाने। ।  
 
खूब किहिन स्वहबत अटकी मा 
अब नहि पूंछय बात फलाने। ।  
   
चढ़य मूँड़ घर मा मालकिन का 
आमय जब कोउ नात फलाने। ।
    
वा  बाप  फिफियात  फिरा थै 
बांट दइस जरजात फलाने। । 
      
सबसे   जबर  गद्दार  वा  है 
जे करय नून मा घात फलाने। ।  
 
 सचेत रहा  हितुअन से हंस
जे बइठाथें दिन रात फलाने। ।
  

रविवार, 25 दिसंबर 2022

हेन नफरत कै दुकान नहीं ,पूर कारखाना है

हेन नफरत कै दुकान नहीं ,पूर कारखाना है। 
चीनी मानस पूतन का ओखे ठइ थाना है।।
उनखर  उद्देस  है  समाज  का लड़बाउब 
गरीबन का उपरउझा ता एकठे बहाना है।। 
 

शनिवार, 24 दिसंबर 2022

नंगई बांकी ही

 अबै ता या कमीनापन आय नंगई बांकी ही
किलनी   लगी    है ,   बगई     बांकी     ही ।।

उइ सीला सपोटी   मा चेरुआ  भर  पकड़े हें।

घुटकी  दबामैं  कै , दबंगई    बांकी     ही। ।

गुरुवार, 22 दिसंबर 2022

पहिले ता खासा आदर भा

पहिले ता खासा आदर भा। 
पुन  फेर  मादर   फादर भा।। 
 
आधी रात तक चली पालटी
 भाई   चारा   सादर  भा।।
 
जब से मुर्रा भइंसी आयी 
झरहा दुखी बिरादर भा। ।
 
पहिले तउ कुछु पता नही,
भरी दुपहरी बादर भा ।
 
धूर्त कला मा फस्ट डिबीजन 
पका पका मन गादर भा। ।
 
मेर मेर के मनइ जग मा 
मान ता कहौं निरादर भा। ।
 
मची हिबै नफरत कै चहदर
अरुआ तक चमगादर भा।।
 
उनखे सहर मा नाच पतुरिया 
हंस के गाँव मा दादर भा। ।
 
 
 
 
 

बुधवार, 21 दिसंबर 2022

 गरीबन के दिल है 

 गरीबन के दिल है  दल नही होय।
ओखे समिस्या का हल नही होय। ।
वा चाह ज्याखर जिन्दावाद ब्वालय
पै पीरा के ग्रन्थ तरी रहल नही होय। ।