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शुक्रवार, 23 सितंबर 2022
युग नायक
युग नायक होते नहीं, किसी जाति में कैद।
वे बीमार समाज के , हैं शुभ चिंतक बैद। ।
शासक जब करने लगे शोषण अत्याचार।
ईश्वर को लेना पड़ा परशुराम अवतार।।
उनखर भाखा सखार
उनखर भाखा सखार अस जना थी।
कऊनव करतूती तोखर अस जाना थी। ।
जब से हबा मा माहुर घोरिस ही राजनीती।
तब से भाई चारा का बोखार अस जाना थी। ।
हेमराज हंस भेड़ा
गुरुवार, 22 सितंबर 2022
बुधवार, 21 सितंबर 2022
चीता आबा देस मा
चीता आबा देस मा सीगट भा नाराज। कहिस कि अब कइसा बनब जंगल का महराज। ।
सीगट कै ही चाहना रहै जंगली शान। बन का राजा जब रहै सीगट लोखरी श्वान। ।
जंगल मा साहुत बनी ,सीगट लोखरी केर।
देख देख बिदुरा थै ,बन का राजा शेर।।
गुरुवार, 15 सितंबर 2022
bagheli kavita
आयुष्मान का कार्ड धरा है हमरे खीसा मा।
पै दबाई से जादा भरोसा हनुमान चालीसा मा।।
अस्पताल क हाल न पूछा वहै बेजार ही आज।
न बिस्तर न दबा डाकदर कइसा होय इलाज। ।
महतारी लै रकत कै थइली निगडउरे गभुआर।
अमरित परब आजादी मा देखा फोटो सरकार।
दरी से पूंछा थें।
कुर्सी के सबाल उइ दरी से पूंछा थें।
गरु गंभीर बात मसखरी से पूंछा थें। ।
तेल कोल्हू पी गा कि पहार मा चुपरा गा
उइ पशु आहार के खरी से पूंछा थें। ।
मंगलवार, 13 सितंबर 2022
बाउर पइदा होंय
उइ चाहा थें देस मा बाउर पइदा होंय।
औ हमरे नेरे जनाउर पइदा होंय।।
एक बूंद पानी न बरखै खेत मा
अउ धान नहीं सीधे चाउर पइदा होय। ।
साहित्त फुर कहा थै
साहित्त फुर कहा थै लबरी नही कहै।
अपना के सत्ता अस जबरी नही कहै। ।
साहित्त के नस मा दुष्यंत केर मस है ,
साहित्त खउटही का कबरी नहीं कहै। ।
''राम'' के दरबार तक वाखर धाक ही ,
पै कबहू अपने मुंह से ''शबरी''नही कहै। ।
उई घायल से पूंछा थें कि कइसा लगा थै
अस्पताल पहुचामै का खबरी नहीं कहै। ।
रूपियन के निता कबहू कविता नही लिखै
हंस काही कोउ दुइ नम्बरी नहीं कहै। ।
हेमराज हंस --9575287490
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राम जू कै सजी हिबै राजधानी। मारै हिलोर सरजू का पानी। । छूटि गा इतिहासन का करखा। या सुभ सुदिन का तरसिगें पुरखा। । राम जी के...


