रविवार, 28 अगस्त 2022

bagheli Doha

बंधा फूटा पुलिया टूटी गिरी कहूं इसकूल। 
दरबारी कहि रहे हें यमै दइव कै भूल।। 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें