रविवार, 14 अगस्त 2022

मुक्तक

हेन राष्ट्र बादी फुटकर नही थोक रहें। 
कबहूं चाणक्य ता कबहू अशोक रहें।। 
जेही भारत माता पालिस दुलार दइस 
ओइन य देस का देखा देखि भोंक रहें।। 

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