शनिवार, 26 मार्च 2016

hemraj hansमजूरन के पसीना से भींज तगाड़ी रे !

बघेली 
मजूरन के पसीना से भींज तगाड़ी रे !
गरीबन का खून पिअय आसन कै गाड़ी रे !!
'निराला 'जहां देखिन तै तब से वा होइन ही 
लागा थै किरिर देई व्यबस्था मा कांडी रे !! 
हेमराज हंस =====मैहर 9575287490 

गुरुवार, 17 मार्च 2016

हजूरन के देहें मा मालिश को करी। । BAGHELI SAHITYA

 बघेली 
गरीब न  होइहैं  ता पालिश को करी। 
हजूरन के देहें मा मालिश को करी। । +
गरीबी से धन्ना सेठी का ऑक्सीजन मिला थी 
ओखे नाव से चार का चालीस को करी। । 
 हेमराज हंस ==मैहर 
  

BAGHELISAHITYAगरीबन कै हड्डी औ पोस्टर दधीच का।

बघेली 
गरीबन कै हड्डी औ पोस्टर दधीच का। 
छहेला का सराही की सराही बीज का। । 
कूकूर भले वफादार होबा करा थै 
पै ओहू के जक्शन लगा थै रेबीज़ का। । 
हेमराज हंस ===मैहर 

बुधवार, 16 मार्च 2016

bagheliगाँघी जी का बोकरा बेंच डारिन बकरीद मा।।

बघेली 
उई बड़े  अहिंसावादी हें पै रहा थें नींद मा। 
गाँघी जी  का बोकरा बेंच डारिन बकरीद मा।। 
 हम उनखे हिआव का प्रनाम करी थे   
अश्व शक्ति ह्यारा थें घोड़बा के लीद मा। । 
हेमराज हंस ===मैहर 

रविवार, 13 मार्च 2016

bagheli kavita पूँजी पति अस प्रेम है वामपंथ कस ढंग।

बघेली 
पूँजी पति अस प्रेम है वामपंथ कस ढंग। 
फागुन मा कइसा पटै गोरी तोरे संग।। 

जेही सब मानत रहें सबसे ज्यादा सुध। 
ओखे डब्बा मा मिला सबसे पंछर दूध।। 

bagheli poem अपना हयन गुलाब अस हम कनेर के फूल।

बघेली 
अपना हयन गुलाब अस हम कनेर के फूल। 
अइसा मउसम मा भला कासे न होइ भूल। । 
हेमराज हंस   

शनिवार, 12 मार्च 2016

तउ माल्या के साथ करन्सी चली गै। । हेमराज हंस =9575287490

बघेली 
हथौड़ा चला गा  संसी चली गै। 
मछरी के लोभ मा बंशी चली गै। । 
चौकीदार जागत रहें रात भर 
तउ माल्या के साथ करन्सी चली गै। । 
हेमराज हंस =9575287490 

एक ता रांका परा है दुअरा ठाढ़ अकाल।

एक ता रांका परा है दुअरा ठाढ़ अकाल। 
रही सही पूरी करिस य मौसम कै मार।। 
हेमराज हंस  

शुक्रवार, 11 मार्च 2016

bagheli poemझंडी सत्ता पक्ष कै या कि लिखा ल्या 'प्रेस '

बघेली 
झंडी सत्ता पक्ष कै या कि लिखा ल्या 'प्रेस '
निधड़क होइ के पुन चला लगी न कउनव केस.
हेमराज हंस 

bagheli kavitaउई महतारी कै गारी देथें पइदा भे हें खीर से ?

बघेली 
उई महतारी कै गारी देथें पइदा भे  हें खीर से ?
या कि मकरध्वज अस महावीर से। । 
मान्यन कि काँटा गूल दइस दुष्ट वा रहा 
ता का अपना नफरत करब सगले अहीर। । 
हेमराज हंस --9575287490