लेबल
- अटल जी
- अटलबिहारी।
- अम्मा
- आचार्य रामाधार शर्मा अनंत जी मैहर
- आदि शंकराचार्य
- कवि मैथलीशरण शुक्ल
- कवि रवि शंकर चौबे
- कविवर रामनरेश तिवारी मैहर
- कुण्डलिया
- खजुलैयां
- खेल
- गोस्वामी तुलसीदास
- घटना
- जनम दिन
- जयराम शुक्ल जी
- तीजा
- दीपावली
- दोहा
- नवरात्रि
- परसुराम
- फागुन
- बघेली कविता
- बघेली कुण्डलिया
- बघेली गीत
- बघेली छंद
- बघेली दोहा
- बघेली बाल गीत
- बघेली मुक्तक
- भेड़ा
- मतदान
- मुक्तक
- मुक्तक बघेली
- लक्ष्मण सिंह परिहार लगरगवाँ
- लोकरत्न कक्का
- शम्भू काकू
- स्वागत
- हरछठ
- B.J.P.
- bagheli
- bagheli ghajal
- BAGHELI KAVI HEMRAJ HANS BHEDA
- bagheli kavita
- bagheli muktak
- CHITRKOOT KAVI SAMMELAN 14.08.2024
- GANESH PUJAN
- MAIHAR DHAM
- MAIHAR STATE
- sahitya
- SAMMAN PATRA
- SHLOK
रविवार, 27 सितंबर 2015
रविवार, 20 सितंबर 2015
तब जनता अपनी स्वयं प्रवक्ता होती है। ।
जब समाज में अराजकता होती है।
तब जनता अपनी स्वयं प्रवक्ता होती है। ।
सिंघासन की बुनियादें हिलने लगती हैं
पश्चाताप के बियावान में सत्ता सोती है। ।
हेमराज हंस
तब जनता अपनी स्वयं प्रवक्ता होती है। ।
सिंघासन की बुनियादें हिलने लगती हैं
पश्चाताप के बियावान में सत्ता सोती है। ।
हेमराज हंस
जनता मिल्लस प्रेम के सपना देखा थी। । हेमराज हंस
मुक्तक
जनता सब उनखर करदसना देखा थी।
आपन खोतड़ी उनखर गोफना देखा थी। ।
उइ नफरत के बीज भरे हें पेटे मा
जनता मिल्लस प्रेम के सपना देखा थी। ।
हेमराज हंस
गुरुवार, 17 सितंबर 2015
बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : गमकै बासमती अस चाउर। ।
बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : गमकै बासमती अस चाउर। ।: मुक्तक हाँथे मेहदी पाँव महाउर। गमकै बासमती अस चाउर। । ओंठे माही लगी लिपस्टिक नैना देख भें बाउर बाउर। । हेमराज हंस
गमकै बासमती अस चाउर। ।
मुक्तक
हाँथे मेहदी पाँव महाउर।
गमकै बासमती अस चाउर। ।
ओंठे माही लगी लिपस्टिक
नैना देख भें बाउर बाउर। ।
हेमराज हंस
बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : हे !गनपति मोरे देश मा दालिद बचै न शेष। ।
बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : हे !गनपति मोरे देश मा दालिद बचै न शेष। ।: दोहा सुक्ख संच औ शांति का होय अब सिरी गनेश। हे !गनपति मोरे देश मा दालिद बचै न शेष। । हेमराज हंस
सोमवार, 14 सितंबर 2015
बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : लागै सुआसिन नार य हिन्दी।
बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : लागै सुआसिन नार य हिन्दी।: हिन्दी वीर कै गाँथा लगी जो रचैं औ 'जगनिक 'के आल्हा का गायगै हिन्दी। कब्बौ बनी 'भूखन 'कै बानी त वीरन का पानी चढ़ाय गै ...
लागै सुआसिन नार य हिन्दी।
हिन्दी
वीर कै गाँथा लगी जो रचैं औ 'जगनिक 'के आल्हा का गायगै हिन्दी।
कब्बौ बनी 'भूखन 'कै बानी त वीरन का पानी चढ़ाय गै हिन्दी। ।
हाथे परी 'सतसय्या 'के ता वा 'सागर मा गागर 'भराय गै हिन्दी।
बुढ़की लगाइस 'सूर 'के सागर ता ममता मया मा नहाय गै हिन्दी। ।
'रसखान 'के क्वामर क्वामर छन्द औ मीरा के पद काही ढार गै हिन्दी।
भक्ति के रंग मा लागी रंगै तब भाषा लोलार पिआर भै हिन्दी। ।
बीजक साखी कबीर के व्यंग्य पाखण्डिन का फटकार गै हिन्दी।
औ मासियानी मा तुलसी के आई ता 'मानस 'अगम दहार भै हिन्दी। ।
हिंठै लगी जब 'पंत 'के गाँव ता केत्ती लगै सुकुमार य हिन्दी।
हरिचंद ,महावीर ,हजारी ,के त्याग से पुष्ट बनी दिढ़वार य हिन्दी। ।
निराला ,नागार्जुन ,के लेखनी मा भै पीरा कै भ्याटकमार य हिन्दी।
रात जगी जब ''मुंशी ''के साथ ता हरिया का भै भिनसार य हिन्दी। ।
भारत माता के कण्ठ कै कण्ठी औ देस कै भाषा लोलार हिन्दी।
लोक कै बोली औ भाषा सकेल के लागै विंध्य पहार य हिन्दी। ।
छंद ,निबंध ,कहानी,औ कविता से लागै सुआसिन नार य हिन्दी।
अपने नबऊ रस औ गण शक्ति से कीन्हिस सोरहव सिगार य हिन्दी। ।
हेमराज हंस
बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : सलेण्डर के आगी मा राख नही निकरै।
बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : सलेण्डर के आगी मा राख नही निकरै।: मुक्तक सलेण्डर के आगी मा राख नही निकरै। बर्रइया के छतना मा लाख नही निकरै। । जनता कराहा थी भ्रष्टाचार से औ नेतन के मुँह से भाख...
BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : पै न कह्या हरामी भाई। ।
BAGHELI SAHITYA बघेली साहित्य : पै न कह्या हरामी भाई। ।: बघेली गजल ठोंका तुहू सलामी भाई। भले देखा थी खामी भाई। । केत्तव मूसर जबर होय पै वमै लगा थी सामी भाई। । सत्तर साल के लोक तंत्...
सदस्यता लें
संदेश (Atom)
-
बघेली कविता हम सरबरिया बांम्हन आह्यन मिलब सांझ के हउली मां। मरजादा औ धरम क ब्वारब, नदिया नरबा बउली मां॥ होन मेल जोल भाईचारा कै, ...
-
जबसे मूड़े मा कउआ बइठ है। असगुन का लये बउआ बइठ है।। पी यम अबास कै किस्त मिली ही वा खीसा मा डारे पउआ बइठ है।। होइगै येतू मंहग ...