बघेली साहित्य bagheli sahitya हेमराज हंस
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रविवार, 20 सितंबर 2015
जनता मिल्लस प्रेम के सपना देखा थी। । हेमराज हंस
मुक्तक
जनता सब उनखर करदसना देखा थी।
आपन खोतड़ी उनखर गोफना देखा थी। ।
उइ नफरत के बीज भरे हें पेटे मा
जनता मिल्लस प्रेम के सपना देखा थी। ।
हेमराज हंस
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