सोमवार, 14 सितंबर 2015

बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : सलेण्डर के आगी मा राख नही निकरै।

बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : सलेण्डर के आगी मा राख नही निकरै।: मुक्तक  सलेण्डर के आगी मा राख नही निकरै।  बर्रइया के छतना  मा लाख नही निकरै। ।  जनता कराहा थी भ्रष्टाचार से  औ नेतन के मुँह से भाख...

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