बघेली साहित्य bagheli sahitya हेमराज हंस
BAGHELI बघेली RIMHI RACHNA रचना का संगम
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अटलबिहारी।
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कवि रवि शंकर चौबे
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CHITRKOOT KAVI SAMMELAN 14.08.2024
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sahitya
SAMMAN PATRA
SHLOK
शनिवार, 18 अप्रैल 2015
जहां पसीने की हुई नामूजी तौहीन।
दोहा
जहां पसीने की हुई नामूजी तौहीन।
वहां कभी बजती नही सुक्ख शांति की बीन। ।
हेमराज हंस --9575287490
बुधवार, 15 अप्रैल 2015
दुनिया मा देस कै झाँकी न नसाबा। ।
मुक्तक
ओइसै नसान है बाकी न नसाबा।
दुनिया मा देस कै झाँकी न नसाबा। ।
देस निता ''आजाद ''औ असफाक बलिदान भें
हमरे कबीर कै टांकी न नसाबा।।
हेमराज हंस ---९५७५२८७४९०
चमचागीरी जिसके ख़ून में नही।
शेर
चमचागीरी
जिसके ख़ून में नही।
उसका जिक्र तेरे मजमून में नही। ।
हेमराज हंस --9575287490
सोमवार, 13 अप्रैल 2015
करुणा क्रंदन !!गूंज रहा है खेतों से घर द्वार से। ।
मुक्तक
हे !गिरधारी पुनः बचाओ !!इन्द्र के अत्याचार से।
माना कि हम अपराधी हैं अपने ही व्योहार से। ।
त्राहिमाम् कर रहा देश तरसेगा दाने- दाने को
करुणा क्रंदन !!गूंज रहा है खेतों से घर द्वार से। ।
हेमराज हंस -----------9575287490
सोमवार, 6 अप्रैल 2015
उनही अई न कउनौ आँच।।
मुक्तक
भ्रष्टाचार कई होई जाँच।
हमी संच है बाँच बाँच। ।
येऊं काल्ह विपक्ष मा बैठिहै
उनही अई न कउनौ आँच।।
हेमराज हंस
रविवार, 5 अप्रैल 2015
''मानववाद''ले आ गये पंडित दीनदयाल। ।
नमन
अपने देश में जब मची सामाजिक दहचाल।
''मानववाद''ले आ गये पंडित दीनदयाल। ।
हेमराज हंस
शुक्रवार, 3 अप्रैल 2015
जइसा जींस पहिर के काटै फसल किसान। ।
बघेली दोहा
भ्रष्टाचार का होइ रहा देस मा यतर निदान।
जइसा जींस पहिर के काटै फसल किसान। ।
हेमराज हंस
गुरुवार, 2 अप्रैल 2015
सबसे पाहिले भूल वा बोलै केर सहूर।।
दोहा
जालंधर वर पाय के सत्ता मद मा चूर।
सबसे पाहिले भूल वा बोलै केर सहूर।।
हेमराज हंस
केतु भा अजोर या करखा बताउथे। ।
मुक्तक
खादी
से कहां चूक भै या चरखा बताउथे।
केतु भा अजोर या करखा बताउथे। ।
जे रोज बोतल का पानी पिया थें
उई खुद का नदियन का पुरखा बताउथें।।
हेमराज हंस
वा हमी ग्यान कै अमाबस जना थै
मुक्तक
गोरसी के माथे जज्ञ नही होय।
भाषण भर से जनता कृतज्ञ नही होय। ।
वा हमी ग्यान कै अमाबस जना थै
पहाड़ा रट के कोउ गणितज्ञ नही होय। ।
हेमराज हंस
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व्यंग्यकार के व्यंग सुनाकर आप अपने को हंसने से नहीं रोक पाएंगे #chitrako...
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जबसे मूड़े मा कउआ बइठ है
जबसे मूड़े मा कउआ बइठ है। असगुन का लये बउआ बइठ है।। पी यम अबास कै किस्त मिली ही वा खीसा मा डारे पउआ बइठ है।। होइगै येतू मंहग ...