रविवार, 10 नवंबर 2024

गदहा परेसान है गइया के प्रतिष्ठा मा।।

पसीना का ठगि  के वा  बइठ हबै  भिट्ठा मा। 
कइउ  ठे लजुरी   खिआनी   है   घिट्टा  मा । । 
सेंतय   का   जरा   बरा   जाथै   कमेसुर वा 
गदहा  परेसान  है  गइया  के  प्रतिष्ठा   मा । । 
हेमराज हंस 

शुक्रवार, 8 नवंबर 2024

बाबू जी।


                   बाबू जी 
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बड़ी मुसीबत झेल के हमही, पालिन पोसिन बाबू जी। 
लदी गरीबी से  गाड़ी  का, बल  भर  ढ़ोसिन  बाबू जी।।

मन तक गहन धरिन बेउहार के हम पंचेन के पढ़ाई मा 
पै न तन मा रही  सिरिहिरी , कबौ ना  घोसिन बाबू जी।।

बब्बा जी  के गुजरे  माही,   भींज  रहीं   दोउ  आँखी
तउ फुआ का धीर बंधाबत अँसुआ पोछिन  बाबू जी।।

बड़की नातिन के काजे मा, ओइन  कन्या दान किहिन 
बिन अम्मा के पीर हिदय मा खूब समोखिन बाबू जी।।

हिबै  बरा अस जिनखर छांही  हर शाखा से निकरी जर 
राम  चरित  मानस  चउपाई, प्रेम से घोखिन  बाबू जी।।

एक  ईमान दार  पिता   कै  संतान   होब   है  हंस  गर्व 
कबाै  न काहू का गर मुधिआइन औ मुसोसिन  बाबू जी।।
हेमराज हंस भेड़ा मैहर -9575287490 

काहू का लिफाफा पियार है।

 काहू का पगड़ी काहू का  साफा पियार है।
काहू  का ता केबल   लिफाफा  पियार  है।।
हमही  आपन  देस  औ  पुरखा पिआर हें   
बिदेसी बिचार का उन्ही पापा पियार है।।
हेमराज हंस भेड़ा  मैहर मप्र 

सोमवार, 4 नवंबर 2024

तुम बत्तीसी काढ़ दिहा औ खीस निपोरे चले गया।

 तुम बत्तीसी  काढ़  दिहा औ खीस निपोरे चले गया। 

गील पिसान हमार देख परथन का बटोरे चले गया।। 


सिसकत राति से पूछि लिहा कस लाग पलेबा खेते मा 

तुम बिदुरात साँझ देखय का बड़े अँजोरे चले गया।। 


 गाय बिआन ता बनी पेंउसरी  पै पेटपोछना  नहीं  रहा 

पूरा दिन महतारी रोयी  तुम बिन मुँह फोरे चले गया।। 


जब से रोमा झारिस नफरत प्रेम का रकबा घटा खूब 

खसरा  माही  दर्ज  खैरिअत  झूंटय  झोरे चले गया।। 


काल्ह  फलनिया  कहत  रही या सरबार मा  गाज गिरै 

कउनव  साध न पूर भयीं , बस गउखर जोरे चले गया।।


चित्रकूट मा दीपदान का खासा जबर  जलसा भा हंस 

पै तोहार नजर  गदहा  हेरैं  ता उनखे  ओरे चले  गया।। 

हेमराज हंस -भेड़ा मइहर