सोमवार, 30 जनवरी 2023

फुरा जमोखी खर पक्का

 फुरा  जमोखी  खर  पक्का। 
काल्हय    कइगें ते  कक्का।
 
पइड़े   परें   जे    मानस    के 
कबय खुली उनखर जक्का।
 
वा लगत रहा मनसेरू अस 
पूर  पार  निकला   छक्का। । 
 
मरजादा  किकिआय  लाग 
मिला दुःशासन अड़भक्क ।
 
सिसकें तुलसी दास बहुत 
लाग  करेजा   का  धक्का।
 
चउपाई का कहैं कुलांचैं 
लुच्चन के लगिगा लक्का। । 
 
अंतस का पुस्टई  देंय का 
हंस आय मानस मुनक्का। ।  
 
धरम कै या दुरगती देख
हंस हबै  हक्का बक्का । ।  
  
 
 
   

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