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सोमवार, 30 जनवरी 2023
फुरा जमोखी खर पक्का
शुक्रवार, 27 जनवरी 2023
आबा बसन्त स्वागत है
अपना के अपमान का घूंट बचा है।।
धूर धुँआ धुंध से गाँव खाँसा थें
मन के परदूसन का मूंठ बचा है। ।
रीमा सीधी सतना सहडोल कोल डारिन
अब फलाने कहाथें चित्रकूट बचा है।।
भुंइ का करेजा तक बेंच खा लिहिन ता
धरती के गहिर घाव चारिव खूंट बचा है।।
परियाबरन जिन्दा है हजूर के बइठक मा
बन बासी जीव केर जटा जूट बचा है।।
साम्हर सेर हिरन ता सरकस मा चलेगें
हंस नदी तीर रोबत ऊंट बचा है। ।
हेमराज हंस - भेड़ा मइहर
मंगलवार, 24 जनवरी 2023
देस के कूकुर तक सबा सेर होइगें।
शुक्रवार, 20 जनवरी 2023
बेसरमी कहां से आय गै
पूस माघ के ठाही मा गरमी कहां से आय गै।
कड़क मिजाजी मा नरमी कहां से आय गै।।
कमल के तलबा मा बेशरम के फूल,
सभ्भ घराना मा बेसरमी कहां से आय गै।।
**हेमराज हंस भेड़ा मइहर***
कोनइता हेरा थें
मंगलवार, 17 जनवरी 2023
उइ न हेरे मिलब कउनौ़ किताप मा
तुलसी के मानस कै सदा होई आरती
पै उइ न हेरे मिलिहैं कउनौ़ किताप मा।
तसल्ली नहीं मिली
शुक्रवार, 13 जनवरी 2023
बुधवार, 11 जनवरी 2023
BAGHELI KAVITA लगत्या आजु पिआर
बड़ा अमारक जाड़ है, ठठुराबय दहिजार।
साजन से सजनी कहिस, लगत्या आजु पिआर।
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आरव मिला चुनाव का, जुरय लाग सहदेब ।
राजनीत ख्यालैं लगी, मेर मेर फउरेब। ।
मंगलवार, 3 जनवरी 2023
जबसे उनखे पइरा मा कुतिया बिआन ही
य न पूँछा को कउन दल मा हें।
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बघेली कविता हम सरबरिया बांम्हन आह्यन मिलब सांझ के हउली मां। मरजादा औ धरम क ब्वारब, नदिया नरबा बउली मां॥ होन मेल जोल भाईचारा कै, ...
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जबसे मूड़े मा कउआ बइठ है। असगुन का लये बउआ बइठ है।। पी यम अबास कै किस्त मिली ही वा खीसा मा डारे पउआ बइठ है।। होइगै येतू मंहग ...