जनता के हाथे हबय लोकतंत्र का मान।
चला चली सब जन करी सौ प्रतिशत मतदान।।
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रहा गरीबन से सदा बोटन का बेउहार।
दूबर का एकादशी मोटन का तेउहार।।
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अबै गरीबन के लगी टप टप अंसुअन धार।
अइसा मा कइसा लिखी पायल कै झंकार ।।
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कत्ती घिनही लग रही राजनीति कै चाल।
कबौ उखाड़ै बार वा कबौं उधेरै खाल।।
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