सोमवार, 11 नवंबर 2019

अयोध्या

राजनीति जेहि रही घंघोई। रामा हो रामा 
ओही थीर कइ  दिहिन गंगोई।। रामा हो रामा 
 सांपौ मरिगा टूट न लाठी। 
पै कुछ जन कूदैं जस आंटी।। 
छूटि गै सांड़न कै चलौना। रामा हो रामा 

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