रविवार, 23 अगस्त 2015

बघेली साहित्य हेमराज हंस : hemraj hans अब उल्लुओं की पालकी हंस ढोने वाला है। ...

बघेली साहित्य हेमराज हंस : hemraj hans अब उल्लुओं की पालकी हंस ढोने वाला है। ...: मुक्तक  ये न समझो कि बड़ा बदलाव होने वाला है।  नैतिकता  का और नीचे भाव होने वाला है। ।  राजनीत गिरती तो  साहित्य थाम लेता था   अब उ...

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