बुधवार, 19 अगस्त 2015

बघेली साहित्य हेमराज हंस : bagheli kavita hemraj hansरिम झिम रिम झिम मेघा बरख...

बघेली साहित्य हेमराज हंस : bagheli kavita hemraj hansरिम झिम रिम झिम मेघा बरख...: पावस कै रित आई  रिम झिम रिम झिम मेघा बरखै ,  थिरकि रही पुरवाई। धरती ओडिस हरियर चुनरी पावस कै रित आई। ।  भरे दबादब ताल तलैया कहूँ चढ़ी...

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