पावस कै रित आई
रिम झिम रिम झिम मेघा बरखै , थिरकि रही पुरवाई।
धरती ओडिस हरियर चुनरी पावस कै रित आई। ।
भरे दबादब ताल तलैया कहूँ चढ़ी ही बाढ़।
एकव वात न लेय किसनमा जब से लगा असाढ़। ।
बोबै बिदाहै रोंपै नीदै करै नीक खेतवाई। ।
भउजी बइठे कजरी गौती भाई आल्हा बाँचै।
टिहुनी भर ब्वदा मा गाँवन की चौपालै नाचैं। ।
करै पपीहा गोइड़हरे मा स्वाती केर तकाई। ।
रिम झिम रिम झिम मेघा बरखै थिरकि रही पुरवाई। ।
गऊ चरनी सब जोतर गईं ही रखड़उनी मा बखरी।
धधी सार मा गइया रोमै खूब बमाती बपुरी। ।
''मैया धेनु चरामै जइहव ''मचले किशन कन्हाई।
रिम झिम रिम झिम मेघा बरखै थिरकि रही पुरवाई। ।
चउगानन का अतिक्रमन लील गा लगी गली मा बारी।
मुड़हर तक जब पानी भरिगा रोमै लाग ओसारी। ।
हंस कहिन की खूब फली सरपंचन केर मिताई।
रिम झिम रिम झिम मेघा बरखै थिरकि रही पुरवाई। ।
चुअय लाग छत स्कूलन कै दइव बजाबै ढोल।
एक दउगरै मा लागत कै खुल गै सगली पोल। ।
विदया के मंदिर मा टोरबा भींजत करैं पढ़ाई।
रिम झिम रिम झिम मेघा बरखै थिरकि रही पुरवाई। ।
जब उई पउलै लगें मेंड़ त ख्यात का लगिगा सदमा।
दोउ परोसी लपटें झपटें हिंठै लाग मुकदमा। ।
सर सेवाद ता कुछू न निकला करिन वकील लुटाई।
रिम झिम रिम झिम मेघा बरखै थिरकि रही पुरवाई।
हेमराज हंस --9575287490
गऊ चरनी सब जोतर गईं ही रखड़उनी मा बखरी।
धधी सार मा गइया रोमै खूब बमाती बपुरी। ।
''मैया धेनु चरामै जइहव ''मचले किशन कन्हाई।
रिम झिम रिम झिम मेघा बरखै थिरकि रही पुरवाई। ।
चउगानन का अतिक्रमन लील गा लगी गली मा बारी।
मुड़हर तक जब पानी भरिगा रोमै लाग ओसारी। ।
हंस कहिन की खूब फली सरपंचन केर मिताई।
रिम झिम रिम झिम मेघा बरखै थिरकि रही पुरवाई। ।
चुअय लाग छत स्कूलन कै दइव बजाबै ढोल।
एक दउगरै मा लागत कै खुल गै सगली पोल। ।
विदया के मंदिर मा टोरबा भींजत करैं पढ़ाई।
रिम झिम रिम झिम मेघा बरखै थिरकि रही पुरवाई। ।
जब उई पउलै लगें मेंड़ त ख्यात का लगिगा सदमा।
दोउ परोसी लपटें झपटें हिंठै लाग मुकदमा। ।
सर सेवाद ता कुछू न निकला करिन वकील लुटाई।
रिम झिम रिम झिम मेघा बरखै थिरकि रही पुरवाई।
हेमराज हंस --9575287490
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