सोमवार, 31 अगस्त 2015

शनिवार, 29 अगस्त 2015

सामर सामर हाथ मा जइसा गदिया गोर।।

दोहा 

मन मेहदी अस जब रचा आँखिन काजर कोर । 
सामर सामर हाथ मा जइसा गदिया गोर।।
हेमराज  हंस  9575287490 

 

खजुलइया लइके मिला जब बचपन का प्रेम।

दोहा 

खजुलइया लइके मिला जब बचपन का प्रेम। 
आँखिन से झांके लगा समय चित्र का फ्रेम। । 
हेमराज हँस 
 

अपने तिथ तिउहार का गाँव समेटे गर्व। ।

दोहा 

गदिअय खजुलइया धरे कजरी गाबै पर्व। 
अपने तिथ तिउहार का गाँव समेटे गर्व। । 
हेमराज हँस  

बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : अबहूँ अपने गाँव मा बचा हबै बेउहार। । हेमराज हंस --...

बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : अबहूँ अपने गाँव मा बचा हबै बेउहार। । हेमराज हंस --...: दोहा  साहब सलाम औ पैलगी गूंजै राम जोहर।  अबहूँ अपने गाँव मा बचा हबै बेउहार। ।  हेमराज हंस --9575287490 

अबहूँ अपने गाँव मा बचा हबै बेउहार। । हेमराज हंस --9575287490

दोहा 

साहब सलाम औ पैलगी गूंजै राम जोहर। 

अबहूँ अपने गाँव मा बचा हबै बेउहार। । 

हेमराज हंस --9575287490  

बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : hemraj hans बढ़ै अपनपौ देश मा मेल-जोल बेउहार। ।

बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : hemraj hans बढ़ै अपनपौ देश मा मेल-जोल बेउहार। ।: दोहा  भाई चारा प्रेम का खजुलइयां तिउहार।  बढ़ै अपनपौ देश मा मेल-जोल बेउहार। ।   हेमराज हंस  9575287490

hemraj hans बढ़ै अपनपौ देश मा मेल-जोल बेउहार। ।

दोहा 


भाई चारा प्रेम का खजुलइयां तिउहार। 
बढ़ै अपनपौ देश मा मेल-जोल बेउहार। । 
 हेमराज हंस  9575287490 

मंगलवार, 25 अगस्त 2015

बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : hemraj hans ---रक्षा बंधन के दिना उई पहुंचे ससुरार...

बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : hemraj hans ---रक्षा बंधन के दिना उई पहुंचे ससुरार...: बघेली दोहा  राखी टठिया मा धरे बहिनी तकै दुआर।  रक्षा बंधन के दिना उई पहुंचे ससुरार। ।  हेमराज हंस ---9575287490

hemraj hans ---रक्षा बंधन के दिना उई पहुंचे ससुरार। ।

बघेली दोहा 

राखी टठिया मा धरे बहिनी तकै दुआर। 

रक्षा बंधन के दिना उई पहुंचे ससुरार। । 

हेमराज हंस ---9575287490 

सोमवार, 24 अगस्त 2015

बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : नाच रही ही दुलदुल घोड़ी नाच रही ही दुल दुल घोड़ी। मँ...

बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : नाच रही ही दुलदुल घोड़ी नाच रही ही दुल दुल घोड़ी। मँ...: नाच रही ही दुलदुल घोड़ी  नाच  रही ही दुल दुल घोड़ी।  मँहगाई गुंडई कै जोड़ी। ।  अच्छे दिन केत्ती दूरी हें  पूछ रही पापा से मोड़ी। ।  ...

नाच रही ही दुलदुल घोड़ी 

नाच रही ही दुल दुल घोड़ी। 
मँहगाई गुंडई कै जोड़ी। । 
अच्छे दिन केत्ती दूरी हें 
पूछ रही पापा से मोड़ी। । 
हेमराज हंस  

रविवार, 23 अगस्त 2015

बघेली साहित्य हेमराज हंस : hemraj hans अब उल्लुओं की पालकी हंस ढोने वाला है। ...

बघेली साहित्य हेमराज हंस : hemraj hans अब उल्लुओं की पालकी हंस ढोने वाला है। ...: मुक्तक  ये न समझो कि बड़ा बदलाव होने वाला है।  नैतिकता  का और नीचे भाव होने वाला है। ।  राजनीत गिरती तो  साहित्य थाम लेता था   अब उ...

hemraj hans अब उल्लुओं की पालकी हंस ढोने वाला है। ।

मुक्तक 

ये न समझो कि बड़ा बदलाव होने वाला है। 
नैतिकता  का और नीचे भाव होने वाला है। । 
राजनीत गिरती तो  साहित्य थाम लेता था  
अब उल्लुओं की पालकी हंस ढोने वाला है। । 
हेमराज हंस --9575287490  


शुक्रवार, 21 अगस्त 2015

बघेली साहित्य हेमराज हंस : शत शत बंदन अभिनन्दन गोस्वामी तुलसी दास। । हेमराज...

बघेली साहित्य हेमराज हंस : शत शत बंदन अभिनन्दन गोस्वामी तुलसी दास। । हेमराज...: गोस्वामी तुलसी दास  हे तुलसी हुलसी नंदन पूज्यपाद  श्री संत।  हे भारतीय संस्कृति के रक्षक चिरनवीन अनंत। ।  धन्य धरा वह राजा पर की बहत...

शत शत बंदन अभिनन्दन गोस्वामी तुलसी दास। । हेमराज हंस

गोस्वामी तुलसी दास 

हे तुलसी हुलसी नंदन पूज्यपाद  श्री संत। 

हे भारतीय संस्कृति के रक्षक चिरनवीन अनंत। । 

धन्य धरा वह राजा पर की बहती जहां कालिंदी। 

धन्य प्रेरणा रत्नावलि की महिमा मंडित हिंदी। । 

धन्य कलम जिसने दिये मानस से सद्ग्रन्थ। 

जो सदाचार मर्यादा का बतलाते नित पंथ। । 

जिसके पठन से आत्म शांति होती अनुभूति तुरंत।

हे तुलसी हुलसी नंदन पूज्यपाद  श्री संत।।

शैव शाक्त औ वैष्णव जन को एक सूत्र में बांधा। 

मुक्तक से मानव मुक्ति की दूर करी है बाधा। । 

लौकिक सगुणोपासक बन कर अलौकिक दिया प्रकाश। 

शत शत बंदन अभिनन्दन गोस्वामी तुलसी दास। । 

सहज समन्वय कारी पंथ  केरहे जीवन पर्यन्त। 

हे तुलसी हुलसी नंदन पूज्यपाद  श्री संत।।

 गंगोत्री के पावन जल से जलाभिषेक कर रमेश्वरम् का। 

ईश भक्ति में राष्ट्र भक्ति का देश प्रेम भारतीय धरम का। । 

रामचरित मानस के जैसा कर्तव्य बोध शोध उत्कर्ष। 

विश्व के किसी ग्रन्थ में ढूढे मिलेगा यह न पुनीत आदर्श। । 

सात समंदर पार  भी शाश्वत सनातन है अटल वंत।    

हे तुलसी हुलसी नंदन पूज्यपाद  श्री संत।।

हे भाषा के अमर भाष्कर किया  राष्ट्र भाषा उत्थान। 

स्वयं विनायकऔ  माँ वाणी गाते जिसका यशो गान। । 

चित्रकूट की तपो भूमि के हे तपस्वी संत महान। 

महा प्रलय तक ऋणी रहेंगे हिन्दू हिंदी हिन्दुस्थान। । 

जनम महोत्स्व मना रहा है आज भारतीयता का संत। 

हे तुलसी हुलसी नंदन पूज्यपाद  श्री संत।।

हेमराज हंस

 

 

 

 

 

 

 


बघेली साहित्य हेमराज हंस : छुरा घोंपते पेट में चढबाते परसाद। हेमराज हंस

बघेली साहित्य हेमराज हंस : छुरा घोंपते पेट में चढबाते परसाद। हेमराज हंस: दोहा  छुरा घोंपते पेट में चढबाते परसाद।  जैसे लेखनी पूजता हो कोई जल्लाद। ।  हेमराज हंस --9575287490

बघेली साहित्य हेमराज हंस : हमने देखा आँख से उसका होते नाश। ।हेमराज हंस -

बघेली साहित्य हेमराज हंस : हमने देखा आँख से उसका होते नाश। ।हेमराज हंस -: दोहा  धर फूलों के बीच में जिसने ठोकी फ़ांस।  हमने देखा आँख से उसका होते नाश। ।  हेमराज हंस --9575287490

छुरा घोंपते पेट में चढबाते परसाद। हेमराज हंस

दोहा 

छुरा घोंपते पेट में चढबाते परसाद। 

जैसे लेखनी पूजता हो कोई जल्लाद। । 

हेमराज हंस --9575287490

हमने देखा आँख से उसका होते नाश। ।हेमराज हंस -

दोहा 

धर फूलों के बीच में जिसने ठोकी फ़ांस। 
हमने देखा आँख से उसका होते नाश। । 
हेमराज हंस --9575287490 

बघेली साहित्य हेमराज हंस : kavi hemraj hans-हाथे मा मेहदी लगी रचा महाउर पाँव।...

बघेली साहित्य हेमराज हंस : kavi hemraj hans-हाथे मा मेहदी लगी रचा महाउर पाँव।...: दोहा  हाथे मा मेहदी लगी रचा महाउर पाँव।  सावन मा गामै लगा कजरी सगला गाँव। ।  हेमराज हंस -9575287490

kavi hemraj hans-हाथे मा मेहदी लगी रचा महाउर पाँव।

दोहा 

हाथे मा मेहदी लगी रचा महाउर पाँव। 
सावन मा गामै लगा कजरी सगला गाँव। । 
हेमराज हंस -9575287490 

बुधवार, 19 अगस्त 2015

बघेली साहित्य हेमराज हंस : bagheli kavi hemraj hans -उई '' सभ्भदारन ''का जाक...

बघेली साहित्य हेमराज हंस : bagheli kavi hemraj hans -उई '' सभ्भदारन ''का जाक...: मुक्तक  जन सेवक चाही सुभाव से गभुआर अस।  जे सबका देखै संबिधान के सरकार अस। ।  उई '' सभ्भदारन ''का  जाके  बता द्या  ...

बघेली साहित्य हेमराज हंस : bagheli kavita hemraj hansरिम झिम रिम झिम मेघा बरख...

बघेली साहित्य हेमराज हंस : bagheli kavita hemraj hansरिम झिम रिम झिम मेघा बरख...: पावस कै रित आई  रिम झिम रिम झिम मेघा बरखै ,  थिरकि रही पुरवाई। धरती ओडिस हरियर चुनरी पावस कै रित आई। ।  भरे दबादब ताल तलैया कहूँ चढ़ी...

bagheli kavita hemraj hansरिम झिम रिम झिम मेघा बरखै , थिरकि रही पुरवाई।

पावस कै रित आई 

रिम झिम रिम झिम मेघा बरखै , थिरकि रही पुरवाई।
धरती ओडिस हरियर चुनरी पावस कै रित आई। । 
भरे दबादब ताल तलैया कहूँ चढ़ी ही बाढ़। 
एकव वात न लेय किसनमा जब से लगा असाढ़। । 
बोबै बिदाहै रोंपै नीदै करै नीक खेतवाई। ।  

भउजी  बइठे कजरी गौती भाई आल्हा बाँचै। 
टिहुनी भर ब्वदा मा गाँवन की चौपालै नाचैं। । 
करै पपीहा गोइड़हरे मा स्वाती केर तकाई। । 
रिम झिम  रिम झिम मेघा बरखै थिरकि रही पुरवाई। । 

गऊ चरनी सब जोतर गईं ही रखड़उनी मा बखरी। 
धधी सार मा गइया रोमै खूब बमाती बपुरी। । 
''मैया धेनु चरामै जइहव ''मचले किशन कन्हाई। 
रिम झिम  रिम झिम मेघा बरखै थिरकि रही पुरवाई। । 

चउगानन का अतिक्रमन लील गा लगी गली मा बारी। 
मुड़हर तक जब पानी भरिगा रोमै लाग ओसारी। । 
हंस कहिन की खूब फली  सरपंचन केर मिताई। 
रिम झिम  रिम झिम मेघा बरखै थिरकि रही पुरवाई। । 

चुअय लाग छत स्कूलन कै दइव बजाबै ढोल। 
एक दउगरै मा लागत कै खुल गै  सगली पोल। । 
विदया के मंदिर मा टोरबा भींजत करैं पढ़ाई। 
रिम झिम  रिम झिम मेघा बरखै थिरकि रही पुरवाई। ।   

जब उई पउलै लगें मेंड़ त ख्यात का लगिगा सदमा।
दोउ परोसी लपटें झपटें हिंठै लाग मुकदमा। । 
सर सेवाद ता कुछू न निकला करिन वकील लुटाई। 
रिम झिम  रिम झिम मेघा बरखै थिरकि रही पुरवाई। 
हेमराज हंस --9575287490   












     

शनिवार, 15 अगस्त 2015

bagheli kavi hemraj hans -उई '' सभ्भदारन ''का जाके बता द्या

मुक्तक 

जन सेवक चाही सुभाव से गभुआर अस। 
जे सबका देखै संबिधान के सरकार अस। । 
उई '' सभ्भदारन ''का  जाके  बता द्या 
सदन माही रहबा करैं गाँव के भुइयार अस। । 
हेमराज हंस   9575287490 

शुक्रवार, 14 अगस्त 2015

गुरुवार, 13 अगस्त 2015


''साहित्य सिर की पगड़ी और राजनीत जूती है कभी कभी पगड़ी की सुरक्षा के लिये जूतियां हाथ में लेनी पड़ती है ,,

मंगलवार, 11 अगस्त 2015

त्राहिमाम जनता


त्राहिमाम जनता करय गुंडा हाकै राज। 
मुड़धारियन के कण्ठ से निकरै नही अबाज। । 
  हेमराज हंस ---9575287490 

सोमवार, 3 अगस्त 2015

जय विंध्य  जय भारत 

विंध्य की बोली बघेली को वैश्विक पटल पर परिचित कराने का प्रयास 

हेमराज हंस   
पिता श्री  परमेश्वर दीन 
माताश्री तारा देवी 
ग्राम पो. गोबरी 
तहसील  मैहर 
जिला  सतना 
मप्र  ४८५७७४ 
मोबाइल ---9575287490 

रविवार, 2 अगस्त 2015

बघेली साहित्य हेमराज हंस : बघेली साहित्य हेमराज हंस : शोषण करते जाति का स्व...

बघेली साहित्य हेमराज हंस : बघेली साहित्य हेमराज हंस : शोषण करते जाति का स्व...: बघेली साहित्य हेमराज हंस : शोषण करते जाति का स्वयं जाति के लोग। । हेमराज हंस... : बने हितैषी घूमते रचते नाना ढोंग।  शोषण करते जाति का स्...

बघेली साहित्य हेमराज हंस : शोषण करते जाति का स्वयं जाति के लोग। । हेमराज हंस...

बघेली साहित्य हेमराज हंस : शोषण करते जाति का स्वयं जाति के लोग। । हेमराज हंस...: बने हितैषी घूमते रचते नाना ढोंग।  शोषण करते जाति का स्वयं जाति के लोग। ।  हेमराज हंस

शोषण करते जाति का स्वयं जाति के लोग। । हेमराज हंस


बने हितैषी घूमते रचते नाना ढोंग। 
शोषण करते जाति का स्वयं जाति के लोग। । 
हेमराज हंस 

बघेली साहित्य हेमराज हंस : कवि हेमराज हंस जाति वाद उनके लिए सत्ता क...

बघेली साहित्य हेमराज हंस : कवि हेमराज हंस जाति वाद उनके लिए सत्ता क...: जिसने कभी विकास पर दिया तनिक न ध्यान।  जाति   वाद   उनके  लिए  सत्ता का सोपान। ।   हेमराज हंस 9575287490 

कवि हेमराज हंस जाति वाद उनके लिए सत्ता का सोपान। ।


जिसने कभी विकास पर दिया तनिक न ध्यान। 
जाति   वाद   उनके  लिए  सत्ता का सोपान। ।
  हेमराज हंस 9575287490