मंगलवार, 21 मार्च 2023

मइहर है जहां बिद्या कै देवी

मइहर  है जहां बिद्या कै देवी 
           बिराजी मा शारद शक्ति भवानी। 
पहिलय पूजा करय नित आल्हा 
             ता देवी के बर से बना बरदानी।। 
मइहर है जहाँ लिलजी के तट 
                 गोला मठ मा हैं औघड़ दानी। 
मइहर है जहाँ संगम है सुर 
                    सरगम कै झंकार सुहानी। । 
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मइहर है जहाँ भक्ति क रेला  है 
                  श्रद्धा औ बिस्वास का  मेला। 
जग जननी के दरशन खातिर 
                   धाबत जग नव रातरि बेला। । 
काहु के हाथ मा सेंदुर फूटा है 
                 काहू के हाथे मा नरियर भेला। 
कोउ चढ़ाबत मेबा मिठाई 
                कोउ चढ़ाबत फूल औ केला। । 
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मइहर है जहाँ रामसखा जू का 
                      आश्रम  गुरुकुल बिद्याधानी। 
बेद बिद्यालय मा वेद ऋचा पढ़ि 
                   बालक ग्यानी बनैं  बिग्यानी।। 
ओइला मा  मन केर कोइला हो उज्जर 
                  मन बच  कर्म लगाबै जे प्रानी। 
हंस  पुनीत या  मइहर धाम का 
                      शत शत बंदन चंदन पानी। । 
@हेमराज हंस भेड़ा  मैहर 
 
 

 

बुधवार, 15 मार्च 2023

दइया नाहर बिजली का बिल मोरे बप्पा रे !

 दइया नाहर  बिजली का बिल मोरे बप्पा रे !
जइसा घर मा चलत होय मिल मोरे बप्पा रे !!
काहू कै मोटर इस्टाटर काहू कै फटफटिया 
औ काहू कै कुर्क  साइकिल मोरे बप्पा रे !!
    @ हेमराज हंस 

बहिनी क एक हजार हर गंगे।

 बहिनी  काहीं  एक  हजार  हर गंगे।
बहनोई  बागै    दाहिजार।। हर गंगे। ।
घंटाघर मा ठाढ़ रहा थै  दुपहर तक। 
तउ  नहीं   पाबै रोजगार।  हर गंगे । ।
      @हेमराज हंस 
 

सोमवार, 13 मार्च 2023

कढ़ी भात औ बगजा चाही।

कढ़ी भात औ बगजा चाही। 
औ सबूत का कगजा  चाही।।
दाखिल खारिज अबै नहीं भै 
उनही हरबी कब्ज़ा चाही। । 
 

 

रविवार, 12 मार्च 2023

मन के मालगुजार। ।

हमी न नजरा तुम यतर दरबारी सरदार ।
दुइ कउड़ी के हयन पै मन के मालगुजार। ।

 

करिआरी अस पगहा नही होय ।

करिआरी अस पगहा नही होय ।
फउज मा भर्ती रोगहा नही होय । ।
उनसे जाके कहि द्या भूभुर न करै
समय काहू का सगहा नही होय । ।
 
हथौड़ा चला गा संसी चली गै।
मछरी के लोभ मा बंशी चली गै। ।
उनसे कहा लोकतंत्र का सम्मान करैं
गरिआयेन से सगली बड़मंसी चली गै। ।
 

 

उइ गरीबन के निता हबाई अड्डा बनाउथें

हमार   जुग  आन    रहा   दद्दा   बताउथें। 
ईं  ता   कथरी   फार   के  गद्दा  बनाउथें।। 
अपना उनखे ऊपर बिल्कुल  सक न करी
उइ गरीबन के निता हबाई अड्डा बनाउथें। ।  
             @हेमराज हंस 

 

 

सोमवार, 6 मार्च 2023

रविवार, 5 मार्च 2023

कासे होय न भूल

भमरा तक सूंघय लगा अब  चम्पा का फूल। 
अइसा मउसम मा भला कासे होय न भूल।।
 
ठूठन मा फुटकी कली यतरन आबा जोस।
तन कै हालत देखि के मन का रह्यान मसोस ।।
 
 


जली आग मा होलिका बचें भक्त प्रह्लाद

भाई चारा  मा रगा , चला लगाई रंग। 
अपने भारत देस मा बाढय प्रेम उमंग।। 
 
अकहापन  औ  इरखा राई चोकरा नून। 
होरी मा जरि जाय सब बैर बिरोध कै टून।।
 
सुखी संच माही रहय आपन भारत देस। 
प्रेम पंथ प्रहलाद का न कोउ देय कलेस। । 
 
अंग अंग पूंछय लगा मन मा लिहे मिठास। 
कबै अयी  वा सुभ घरी जब टूटी उपबास। । 
 
कथा पुरानन कै हमी दीन्हे ही मरजाद। 
जली आग मा होलिका बचें भक्त प्रह्लाद। । 
 
खेतन मा पाकै  फसल घर मा आबै अन्न। 
होरी परब मनाय के खेतिहर लगैं प्रसन्न। ।