चुङइलिन के भाव अबै नीक के ठंडान नही
अभुआय लगे हें परेत पुन देबार मा।
शहरन मा गॉवन मा घर घर दुआर मा। ।
कहिन सेंतै भागीरथ तपिस्या करिन तै
हम गंगा लै आनित बइठ के नेबार मा। ।
हेमराज हंस
अभुआय लगे हें परेत पुन देबार मा।
शहरन मा गॉवन मा घर घर दुआर मा। ।
कहिन सेंतै भागीरथ तपिस्या करिन तै
हम गंगा लै आनित बइठ के नेबार मा। ।
हेमराज हंस