आयुष्मान का कार्ड धरा है हमरे खीसा मा।
पै ओसे जादा है भरोसा हनुमान चालीसा मा।।
अस्पताल का हाल न पूछा वहै बेजार ही आज।
न डाग्दर बिस्तर न दवाई कइसा होय इलाज।।
हुआं गये पुन खबरै लउटी लये गठरिया ढीसा।
वा गरीब कै अलहिन आ ही जेखर छूछ है खीसा। ।
चरमरान ही पूर ब्यबस्था जीबन रेखा कै सरकारी।
कुच्छ न पूंछा हाल तिवारी। कुच्छ न पूंछा हाल तिवारी।।
हेमराज हंस भेड़ा मइहर
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