शुक्रवार, 22 मार्च 2024

हमरे खलीसा मा पइसा नहीं रहा।

हमरे खलीसा मा पइसा नहीं रहा।
येसे आदर अपना के जइसा नहीं रहा।।
बब्बा हें चउआन चकाचउध देख के
कहिन कि समय फूहर अइसा नहीं रहा।।
क्वामर कलाई गोरी कै तउ चूरी चटकिगै
हमरे जनम दिन का सतइसा नहीं रहा।।
फलानिया तारा दइके मइके चली गै
जबकी हमार कउनव खोड़इसा नहीं रहा। ।
लाजा ढीठी राम रामउहल ता होथी
पै हंस का ठिकाना रहइसा नहीं रहा। ।
हेमराज हंस

रविवार, 17 मार्च 2024

भीड़ टंटपालिन कै पोस्टर तमीच का

भीड़  टंटपालिन  कै पोस्टर तमीच का । 

छहेला का सराही की सराही बीज का। । 

अरे !  कूकूर   भले   वफादार   हो  थै 

पै ओहू के जक्शन लगा थै रेबीज़ का। । 

हेमराज हंस  

दिहा काहे खुरखुन्द।

कागा से कोयल कहिस,  दिहा काहे खुरखुन्द। 
तोहरव  प्रिय बोली लगी,  बन जा काग भुसुंड।। 

जब  मतलब  पूछय  लगें, रामराज्ज का मित्र। 
हम निकार के धइ दिहन,अबधपुरी का चित्र।।

गुरुवार, 14 मार्च 2024

या जउन हमी तकमा मिला है। कवि होय के शक मा मिला है।।

या  जउन  हमी   तकमा  मिला है। 
सभ्भ   होय  के  शक मा  मिला है।।
 
होरी   के  फगुहार   बताउथें   कि 
या  बम   चका  चक मा  मिला  है। । 

 कोउ  ता  अजल्याम   बताउत  थै 
कोउ  कहा  थै  हक  मा  मिला है। । 

उइ  रोज सकारे मंदिर मा मिला थें 
जब से मालदार मोहकमा मिला है।। 

अब प्याज बोये मा  अफीम जमा थी 
बीज राजनीत  के चकमा मा मिला है। ।
 
 वा हंस गा तै रोजी रोटी के तलाश मा 
जेखर आधार काड काल्ह ट्रक मा  मिला है 
हेमराज हंस 

सोमवार, 22 जनवरी 2024

पूरी दुनिया कर रही, राम राम का जाप।

पूरी  दुनिया   कर  रही,  राम  राम का जाप। 

दृश्य देख कुछ जन दुखी ,उनखे लोटय सांप।। 



 

सगले दानव दुखी हें , मानव का है गर्व।

 

गदगद होइगै आतिमा ,देख अबध पुर पर्व। 
सगले दानव दुखी हें , मानव का है गर्व। । 

अपना का बधाई अभिनंदन।

 अपना का  बधाई अभिनंदन। 

अबध    बिराजे  श्री  रधुनंदन।। 


पूर     देस   डूबा   उराव  मा

नैनन निरख्यन ऐतिहासिक छन ।।  

हेमराज हंस 

मंगलवार, 16 जनवरी 2024

आदि पुरुस जहाँ मनू भें,


 आदि  पुरुस  जहाँ मनू भें, करिन सृष्टि निरमान।

अजोध्या पाबन धाम है , मनुज का मूल अस्थान।।   

हेमराज हंस 

बुधवार, 3 जनवरी 2024

गरीब केर ठंडी

गरीब केर ठंडी

                         गरीब केर ठंडी

 गरीब केर ठंडी          गरीब केर ठंडी। 

सथरी बिछी ता लागय  पहला  का गुलगुल गद्दा। 
पउढ़य   घरे   भरे   के , भाई  बहिन  अउ  दद्दा। । 
आबा थी निकही  निदिआ  बे  गोली  बे  बरंडी। 

दिन उअतै घाम तापै चउरा मा मारे पलथी। 
बिटिआ लाग रांधै नए चाउर कै गोलहती। । 
चुल्हबा  मा आंच देथी धंधोल बिनिआ कंडी। 

दुई होय कि रुई होय कहि के मुस्की मारै भउजी। 
कांपा थें तन के हाड़ा  जाड़ा  किहे  मन मउजी। । 
तउअव गरीबी खुश ही जस जुद्ध  मा शिखंडी। 

जांय खै  करैं मजूरी  ही कड़कड़ात  ठाही। 
हांकै  का है अटाला , औ भूंख कै गंडाही। । 
हम जाड़  लइके  बइठब ता कइसा चढ़ी हंडी। 

करजा  का  खाब  है  अउ  पयार  केर तापब। 
ओन्हा  नहीं अलबुद्दा जाड़े मा थरथर काँपब। । 
गरीबी  कै  नामूजी  जाड़ा  करइ    घमण्डी। ।  
हेमराज हंस 

मंगलवार, 2 जनवरी 2024

राम जू कै सजी हिबै राजधानी।

 राम जू कै सजी हिबै राजधानी। 
मारै   हिलोर  सरजू   का  पानी।। 

छूटि  गा  इतिहासन  का  करखा। 
या सुभ सुदिन का तरसिगें पुरखा। । 
राम जी के मन्दिर कै निर  मानी। 
राम जू  कै सजी हिबै  राजधानी। 

संबत  दुइ  हजार  सुभ अस्सी। 
 पूस दुआस सुदी सोम तपस्सी। । 
गूँजी    अबध    मा   बेद बानी। 
 राम जू  कै सजी हिबै राजधानी। । 

दुनिया निरखै  गउरब भारत। 
बीना  बाजामै  शारद  नारद।। 
लेय निता राघव कै अगमानी।
 राम जू कै सजी हिबै राजधानी। । 

अबध बिराजें  राम लला  जू। 
सबका मन गदगद है आजू। । 
हंस अपने का मानाथें भागमानी। 
राम जू कै सजी हिबै राजधानी। । 
हेमराज हंस -मैहर