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बुधवार, 26 अप्रैल 2023
आंसू के राज कुमार का नाव है रामनरेश।।
पीरा गावय मा कबव, करय कसर न शेष।
आंसू के राज कुमार हैं, कबिबर रामनरेश।।
जिनखे लेखन मा हबै, शब्दन कै मरजाद ।
कविता सीधे हिदय से, करै करुन संबाद।।
पयसुन्नी अस सब्द का, जे पूजय दिनरात।
कबिता उनखे निता ही, जीबन कै जरजात।।
गीत ग़ज़ल कै आरती , दोहा कविता छंद।
आंखर आंखर आचमन, अंतस का आनंद।।
शब्द ब्रह्म का रुप है, वर्ण धरै जब भेष।
मइहर मा एक संत हैं, पंडित रामनरेश।।
लगय कटाये घाट अस, सब्दन का लालित्य।
मैहर मा चमकत रहैं, राम नरेश आदित्य।।
मंगलवार, 25 अप्रैल 2023
कायरता पाखंड से, देस भा जब कमजोर।
कायरता पाखंड से, देस भा जब कमजोर।
तब केरल मा प्रगट भें, शङ्कर सुरिज अजोर।।
आदि शंकराचार्य का , शत शत नमन हमार।
हम भारत बासी करी ,अपना कै जयकार।।
सोमवार, 24 अप्रैल 2023
उनखे दिया मा बाती का पहला नहीं मिला।
उनखे दिया मा बाती का पहला नहीं मिला।
नहला के ऊपर मारैं का दहला नहीं मिला।।
जे लथिरे हें खुद टिहुनी भर ब्वादा मा
ओऊं कहा थें देखैं का चहला नहीं मिला।।
हेमराज हंस
कुच्छ न पूंछा हाल तिवारी।
आयुष्मान का कार्ड धरा है हमरे खीसा मा।
पै ओसे जादा है भरोसा हनुमान चालीसा मा।।
अस्पताल का हाल न पूछा वहै बेजार ही आज।
न डाग्दर बिस्तर न दवाई कइसा होय इलाज।।
हुआं गये पुन खबरै लउटी लये गठरिया ढीसा।
वा गरीब कै अलहिन आ ही जेखर छूछ है खीसा। ।
चरमरान ही पूर ब्यबस्था जीबन रेखा कै सरकारी।
कुच्छ न पूंछा हाल तिवारी। कुच्छ न पूंछा हाल तिवारी।।
हेमराज हंस भेड़ा मइहर
मंगलवार, 18 अप्रैल 2023
कुछ जन मुंह ओरमा लइन,
कुछ जन मुंह ओरमा लइन,कुछ जन करैं उराव।
ठाँव ठाँव देखय मिली , एक घटना दुइ भाव।।
ठाँव ठाँव देखय मिली , एक घटना दुइ भाव।।
जरासंघ जब मरा ता, खूब भै जय जय कार।
पै ओखर हितुआ लगें, रोबैं डिडड पुकार।।
पै ओखर हितुआ लगें, रोबैं डिडड पुकार।।
रविवार, 16 अप्रैल 2023
ईश्वर को लेना पड़ा परसुराम अवतार। ।
शासक जब करने लगे शोषण अत्याचार।
ईश्वर को लेना पड़ा परसुराम अवतार। ।
मिला सदा इस देश को विप्रों का आशीष ।
चाहे राजा राम हों या कि द्वारिका धीश ।।
दिया देश को श्रेष्ठतम , विप्रों ने हर काल।
चाहे वे चाणक्य हों ,या आज अजीत डोभाल।।
युग नायक होते नही किसी जाति में कैद।
वे बीमार समाज के हैं शुभ चिंतक वैद। ।
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भारत के स्वाभिमान के प्रतीक परशुराम।
सनातनी समाज के हैं लीक परशुराम।।
दुष्ट शासकों .को सबक दमन के लिये
मिशाल वीरता की एक सीख परशुराम।।
आताताइयों के लिए हैं वे काल सम
औ साधु सज्जनों के लिये ठीक परशुराम।।
चारो युग में वे हैं पूजनीय अमर भी
शूरता की मूर्ति हैं निर्भीक परशुराम। ।
धन्य माता रेणुका जमदागनी पिता
विष्णु के अवतार हैं नीक परशुराम। ।
गुरुवार, 13 अप्रैल 2023
चमचा गीरी जेखे कलम कूंची मा नहीं।
चमचा गीरी जेखे कलम कूंची मा नहीं।
वाखर नाव अपना के सूची मा नहीं।।
देस कै जनता जाना थी नीक के
जउन मेंछा मा ही शान वा पूंछी मा नहीं ।।
हेमराज हंस
सोमवार, 10 अप्रैल 2023
भइंस अबै बिआन नही उई सोंठ ख़रीदा थे।
भइंस अबै बिआन नही उई सोंठ ख़रीदा थे।
लिपिस्टिक लगामै का ओंठ ख़रीदा थे।।
जउन भ्रष्टाचारी जमानत मा छूट हें
ओऊं ईमानदारी कै ओट ख़रीदा थें ।।
सब आपन आपन दाग मूंदय मा लगें हें
जे नेत के कच्चे हें उइं लगोट ख़रीदा थें ।।
जउन दल बइठान लये हें बाम पंथ अस
उइ पुन के ठाढ़ होय का अखरोट ख़रीदा थें ।।
दुनिया के सबसे बड़े लोक तंत्र मा
हंस एकठे ''बोतल '' मा वोट ख़रीदा थे। ।
हेमराज हंस-- भेड़ा मइहर
तुम हमार आँसू देखा हम तोर बिदुरखी देखीथे।
तुम हमार आँसू देखा हम तोर बिदुरखी देखीथे।
हाथे मा रिमोट लये हम आपन कुरकी देखीथे। ।
कोउ नहि आय दूध का धोबा राजनीत के पेशा मा
साँझ सकारे चाय पिअत हम खबर कै सुरखी देखीथे। ।
जबा देबारे बोबरि गा होय हूम अस्थान।
नवरात्रि
जबा देबारे बोबरि गा होय हूम अस्थान।
संझा से लै रात तक मढ़ई भगत कै तान।।
पण्डा बइठ देवार मा बजै नगरिया झांझ।
हांक परी ओच्छा मोरी गूँजे नौ दिन साँझ।।
गूजै मइहर धाम मा स्वस्ति ऋचा श्लोक।
गद्गद ही माँ शारदा पुलकित तीनों लोक। ।
पावन मइहर धाम मा नव रातर का पर्व।
शप्तशती बांचै लगे सामवेद गन्धर्व। ।
हम आपन पूजा करी औ उइ पढ़ै नमाज।
ईश्वर कै आराधना अलग अलग अंदाज।।
संझा से लै रात तक मढ़ई भगत कै तान।।
पण्डा बइठ देवार मा बजै नगरिया झांझ।
हांक परी ओच्छा मोरी गूँजे नौ दिन साँझ।।
गूजै मइहर धाम मा स्वस्ति ऋचा श्लोक।
गद्गद ही माँ शारदा पुलकित तीनों लोक। ।
पावन मइहर धाम मा नव रातर का पर्व।
शप्तशती बांचै लगे सामवेद गन्धर्व। ।
हम आपन पूजा करी औ उइ पढ़ै नमाज।
ईश्वर कै आराधना अलग अलग अंदाज।।
गाँव -गाँव बोबा जबा पंडा दे थें हूम।
लोक धरम कै देस मा चारिव कईती धूम। ।
बाना खप्पड़ कालका जबा देवारे हांक।
बिन प्रचार के चल रही लोक धर्म कै धाक। ।
आठैं अठमाइन चढ़ै खेर खूंट का भोग।
जलसा का कलसा धरे ''राम जनम का जोग ''। ।
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जबसे मूड़े मा कउआ बइठ है। असगुन का लये बउआ बइठ है।। पी यम अबास कै किस्त मिली ही वा खीसा मा डारे पउआ बइठ है।। होइगै येतू मंहग ...