खजुलैयां कै सुभकामना, सादर राम जोहार।
नेम- प्रेम से सब रहैं , समता का तेउहार। ।
अपने रीत रिबाज का, गांव समेटे गर्व ।
पुरखन कै थाती धरे, मना रहा है पर्व ।।
खजुलइयां लइके मिला, हमरे गांव का नेम।
द्यखतै जिव हरिआय गा, परिपाटी का प्रेम।।
खजुलैयां कै सुभकामना, सादर राम जोहार।
नेम- प्रेम से सब रहैं , समता का तेउहार। ।
अपने रीत रिबाज का, गांव समेटे गर्व ।
पुरखन कै थाती धरे, मना रहा है पर्व ।।
खजुलइयां लइके मिला, हमरे गांव का नेम।
द्यखतै जिव हरिआय गा, परिपाटी का प्रेम।।
आबा मुखिया जी स्वागत है
आबा मुखिया जी स्वागत है।
शारद मइया कै धर्म भूमि।
य 'बाबा 'जी कै कर्म भूमि। ।
भुइ गोलामठ औढरदानी कै ।
सम्पत तेली बलिदानी कै। ।
मुड़िया बाबा के धूनी मा
बंदन अभिनन्दन शत शत है। ।
आबा मुखिया जी स्वागत है। ।
हेन ही मिल्लस कै परिपाटी।
पुरवा ,ओइला ,गणेश घाटी। ।
औ रामपुर के राधा किशना।
दर्शन से मिटै धृणा तृष्णा। ।
बड़ा अखाडा मा मनस्वनी
कै पयस्वनी निकरत है। ।
आबा ---------------------
या विंध्य द्धार लेशे है कलश।
पानी लये कलकल बहै टमस। ।
जब से ठगि के गें हें कुम्भज।
ता विंध्य का निहुरा है गुम्मच । ।
गुरू अगस्त के निता झुका
या अटल झुकेही का ब्रत है। ।
आबा मुखिया ----------------
भे सोम दत्त साहित्यकार।
आल्हा कीन्हिनभक्तीअपार।
जे ह्यन आवा वा पावत है।
आवा मुखिया जी स्वागत है।
लाल जी स्वामी चपना के
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लाल जी स्वामी चपना के।
करैं पूर मनोरथ अपना के।।
नमन करी पबरित माटी का।
सत्त सनातन परिपाटी का।।
जय कालनेमि के हतना के।
करैं पूर मनोरथ अपना के।।
कोउ चढ़ाबै फूटा रेउरी ।
कोउ नरिअर लै करै चेरउरी।।
हे ! प्रान बचइया लखना के।
करैं पूर मनोरथ अपना के।।
कोउ करै मानस भण्डारा।
गूंजय जयश्री राम का नारा।।
पूजन हबन अर्चना के।
करैं पूर मनोरथ अपना के।।
धन्य है देस के रीत प्रथा का।
कोउ बदना बदय कथा का। ।
पूर करइया सपना के।
लाल जी स्वामी चपना के।
करैं पूर मनोरथ अपना के।।