मंगलवार, 23 अप्रैल 2024

तब धरती बन के गऊ

 बढ़य लाग जब धरा मा, अधरम अत्याचार।

तब धरती बन के गऊ, प्रभु कै करिस पुकार।।
हेमराज हंस

रविवार, 21 अप्रैल 2024

जाति बाद के मथरे परंगत नहीं परै।

 जाति   बाद  के  मथरे   परंगत  नहीं  परै। 

राबन  के  बहकाये   मा  अंगद  नहीं परै।। 

चाह   जउन   जात   के  होंय   नेता    जी  

पै गरीबन  के साथ उनखर  पंगत नहीं परै।।

हेमराज हंस 

शनिवार, 20 अप्रैल 2024

केबल हबै चुनाव तक, जातिबाद का ढोंग

 केबल  हबै  चुनाव तक, जातिबाद का ढोंग। 

जनता ही उनखे निता , चेचर अउर चिपोंग।।  

अपने   छाती   हाथ  धर,  खुदै   करा  महसूस। 

को ठीहा मा बइठ के, लिहिस न जात से  घूंस।। 

हेमराज हंस

सूरज नेता बिस्व का, सबका दे उजिआर।

 सूरज नेता बिस्व का, सबका दे उजिआर।

पै उल्लू  गरिआ रहें, उनही  रात  पिआर।।  

हेमराज हंस 


बनाथै नाती पवार हाउस ।।

 हाथे माही पकडे माउस। 

पूरी दुनिया हमी देखाउस।।  

मरिगा बाबा अंधियारे मा 

बनाथै नाती पवार हाउस ।।  

हेमराज हंस 

राहू से केतू कहिन, हम पंचे सब एक।

राहू  से   केतू   कहिन,  हम  पंचे   सब      एक। 
चला चली मिल के कारी, खुद आपन अभिषेक।। 
हेमराज हंस   

शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024

उनखे मोतियाबिंद।।

 अबै ता  चीन्हय दूर  से, जाति बाद का जिंद। 

फेर चुनाव के बाद मा , उनखे  मोतियाबिंद।। 

हेमराज हंस  


शुक्रवार, 12 अप्रैल 2024

बचगें मानस पूत

 कुंभ निकुंभ ता निपट गें, बचगें मानस पूत। 
हे ! दुर्गा  उनही  हता,  है  बिनती  कहनूत।। 
हेमराज हंस  

कहिन कि अब हमहूं करब, सुरिज के रथ कै जाँच

सगले   उल्लू   समिट  के,  दिन   का  कहैं  कुलांच।

कहिन कि अब हमहूं  करब, सुरिज के रथ कै जाँच।। 

हेमराज हंस