शनिवार, 10 जून 2023

मनो रोग के बैद से, कर बाई उपचार ।

 मनो  रोग  के  बैद से, कर  बाई    उपचार । 
उमिर भै अस्सी पार तउ, रोगी हमैं बिचार।। 
कर  बाई   उपचार, दृष्टि मा दोख है दददा।  
चीकन चांदन राह, लगै अपना का खडडा।। 
बलिहारी या समय का कइसा हबय कुजोग। 
जे हमार सम्माननीय ,ग्रस्त हें  मन के रोग। । 
 

बुधवार, 7 जून 2023

जाति बाद मा बंद

राष्ट्रबाद  से  सुरू भा ,जाति बाद मा बंद। 
केत्ते सुर बदलय परें, गामय का एक छंद।।
हेमराज हंस   

 

शनिवार, 3 जून 2023

कउन ही आपन सउंज

भला बताई आप से, कउन ही आपन सउंज। 
अपना बोतल का पियी, हम पी पानी अउंज।। 
              हेमराज हंस   

 

शनिवार, 27 मई 2023

अकही पट्टीदार अस, जे राखाथै लक्ष।

 अकही  पट्टीदार अस,  जे राखाथै  लक्ष। 
राजनीत माही वहै, निकहा आय बिपक्ष।। 
      हेमराज हंस --भेड़ा मइहर  

शुक्रवार, 26 मई 2023

गदहा का मिसरी नहि पाचय

काल्ह कहिन हमसे बड़कउना। 
काखे  मुंह  मा   तइहा  अउना।। 
गदहा  का  मिसरी  नहि पाचय 
औ  कूकुर का  पचय न  नेउना। ।  
      हेमराज हंस 
  

गुरुवार, 18 मई 2023

उइं असीले के आंय पै बाप का पता मिला ।

उइं असीले  के आंय पै बाप का पता मिला । 
खेतन मा सुनय  का   हता तता नहीं मिला ।।
सती कै केहानी मुंह जमानी हयीं कइयव ठे 
पै इतिहास मा कहूं इकठेव सता नहीं मिला ।।  
हेमराज हंस  9575287490 

बुधवार, 26 अप्रैल 2023

आंसू के राज कुमार का नाव है रामनरेश।।


पीरा गावय  मा कबव, करय कसर न शेष।
आंसू के राज कुमार हैं, कबिबर रामनरेश।।

जिनखे लेखन मा हबै, शब्दन कै  मरजाद ।
कविता सीधे हिदय से, करै  करुन  संबाद।।
 
पयसुन्नी  अस सब्द का, जे पूजय  दिनरात। 
कबिता उनखे निता ही, जीबन कै जरजात।।   
 
गीत ग़ज़ल कै आरती ,  दोहा कविता छंद।
आंखर आंखर आचमन, अंतस का आनंद।।
 
शब्द  ब्रह्म  का  रुप है,  वर्ण  धरै जब भेष।
मइहर  मा  एक  संत  हैं, पंडित रामनरेश।।

लगय कटाये घाट अस, सब्दन का लालित्य। 
मैहर मा  चमकत रहैं,  राम नरेश आदित्य।। 

मंगलवार, 25 अप्रैल 2023

कायरता पाखंड से, देस भा जब कमजोर।


 कायरता  पाखंड से, देस भा  जब कमजोर।
तब केरल मा प्रगट भें, शङ्कर सुरिज अजोर।।
आदि शंकराचार्य का , शत  शत नमन हमार।
हम  भारत  बासी  करी ,अपना  कै  जयकार।। 

सोमवार, 24 अप्रैल 2023

उनखे दिया मा बाती का पहला नहीं मिला।

उनखे  दिया मा  बाती  का  पहला  नहीं मिला।
नहला  के  ऊपर  मारैं का  दहला  नहीं  मिला।।
जे   लथिरे   हें  खुद    टिहुनी   भर  ब्वादा   मा 
ओऊं   कहा  थें  देखैं   का  चहला  नहीं  मिला।। 
  हेमराज हंस 


कुच्छ न पूंछा हाल तिवारी।

आयुष्मान का कार्ड धरा है हमरे खीसा मा। 
पै ओसे जादा है भरोसा हनुमान चालीसा मा।
 
अस्पताल का हाल न पूछा वहै बेजार ही आज।
न डाग्दर बिस्तर न दवाई कइसा होय इलाज।

हुआं गये पुन खबरै लउटी लये गठरिया ढीसा। 
वा गरीब कै अलहिन आ ही जेखर छूछ है खीसा। 

चरमरान ही पूर ब्यबस्था जीबन रेखा कै सरकारी। 
कुच्छ न पूंछा  हाल तिवारी। कुच्छ न पूंछा  हाल तिवारी।

हेमराज हंस भेड़ा  मइहर