बुधवार, 7 जून 2023

जाति बाद मा बंद

राष्ट्रबाद  से  सुरू भा ,जाति बाद मा बंद। 
केत्ते सुर बदलय परें, गामय का एक छंद।।
हेमराज हंस   

 

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