सोमवार, 10 अप्रैल 2023

भइंस अबै बिआन नही उई सोंठ ख़रीदा थे।

 भइंस  अबै बिआन नही उई सोंठ ख़रीदा थे।
लिपिस्टिक   लगामै  का  ओंठ   ख़रीदा   थे।। 


जउन   भ्रष्टाचारी   जमानत   मा    छूट   हें
ओऊं   ईमानदारी   कै   ओट  ख़रीदा थें ।।


सब  आपन  आपन  दाग मूंदय  मा  लगें  हें
जे नेत  के कच्चे हें  उइं  लगोट ख़रीदा थें ।।


जउन  दल  बइठान लये  हें  बाम पंथ  अस
उइ पुन के ठाढ़ होय का अखरोट ख़रीदा थें ।।


दुनिया   के    सबसे    बड़े    लोक   तंत्र  मा
हंस    एकठे  ''बोतल '' मा  वोट ख़रीदा  थे। ।
    हेमराज हंस--  भेड़ा मइहर

तुम हमार आँसू देखा हम तोर बिदुरखी देखीथे।

 

तुम हमार आँसू देखा हम तोर बिदुरखी देखीथे। 
हाथे मा रिमोट लये हम आपन कुरकी देखीथे। ।
कोउ नहि आय दूध का धोबा राजनीत के पेशा  मा 
साँझ सकारे चाय पिअत हम खबर कै सुरखी देखीथे। ।

जबा देबारे बोबरि गा होय हूम अस्थान।

 नवरात्रि 

जबा देबारे बोबरि गा होय हूम अस्थान।
संझा से लै रात तक मढ़ई भगत कै तान।।
 
पण्डा बइठ देवार मा बजै नगरिया झांझ।
हांक परी ओच्छा मोरी गूँजे नौ दिन साँझ।।

गूजै मइहर धाम मा स्वस्ति ऋचा श्लोक।
गद्गद ही माँ शारदा पुलकित तीनों लोक। ।

पावन मइहर धाम मा नव रातर का पर्व।
शप्तशती बांचै लगे सामवेद गन्धर्व। ।

हम आपन पूजा करी औ उइ पढ़ै नमाज।
ईश्वर कै आराधना अलग अलग अंदाज।। 

गाँव  -गाँव   बोबा  जबा  पंडा  दे थें हूम।
लोक धरम कै देस  मा चारिव कईती धूम। ।

बाना  खप्पड़  कालका  जबा  देवारे हांक।
बिन प्रचार के चल रही लोक धर्म कै धाक। ।  


आठैं   अठमाइन   चढ़ै  खेर  खूंट  का   भोग।
जलसा का कलसा धरे ''राम जनम का जोग ''। ।

गुरुवार, 6 अप्रैल 2023

कोउ बाहर कोउ अन्दर होइगा।

 कोउ बाहर कोउ अन्दर होइगा।
दानव   देव  केउ  मंदर होइगा।।   

 हमरे   घर   के    आगी   का
 बदला नाव बैसुन्दर होइगा।
 
जे आने   का   हड़पिस  हीसा
 ओही आज भगन्दर होइगा। ।

बन गा   सोने   का   मृग मामा
 औ साधू   दसकंधर  होइगा। ।

पुन   के  छली    जई  अब बृन्दा
 जोलाहल खूब जलंधर  होइगा। ।

चुहकै  'हंस'   ख़ून  जनता  का
 उनखर पेट सिकंदर होइगा। ।
       हेमराज हंस

मंगलवार, 4 अप्रैल 2023

हे अंजनि के लाल।।

 कालनेमि पुन  देश मा, रचे हें  मायाजाल।
जनता कै   रक्षा  करा,  हे अंजनि के लाल।।
 @हेमराज हंस  

सोमवार, 3 अप्रैल 2023

हमहूं तोहरे साथ हयन ननकाना माँगा तुम। ।

हिसाब  पाई  पाई  आना  आना  माँगा  तुम। 
आपन पमान  धरती का मलकाना माँगा  तुम।। 
खालिस्तान  कै मांग  ता कबहूं  पूर न होइ भईलो
हमहूं तोहरे साथ हयन ननकाना माँगा तुम। ।   
@हेमराज हंस 

 

उड़त कनून कै धज्जी द्याखा।

उड़त कनून कै धज्जी द्याखा। 
राजनीत कै खजझी  द्याखा।। 
गुंडन   कही   पालै  बाली 
सत्ता कै निरलज्जी द्याखा। ।  
 

धनानंद सैलून मा, लगें बनामय बार।।

 भ्रष्टाचार मा डूबि गय, मगध मा जब सरकार।
धनानंद   सैलून   मा,    लगें   बनामय    बार।।
       @हेमराज हंस-- 9575287490