मंगलवार, 2 फ़रवरी 2016

बरदाँय का आगे आगे। । HEMRAJ HANS

 बघेली मुक्तक 
काहे बगत्या भूखे लांघे। 
रात रात उस्नीधे जागे।। 
बियांय  का न पजांय का 
बरदाँय का आगे आगे। ।   
हेमराज हंस == मैहर 

बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : रुपिया किलो गोहूँ दुइ रुपिया पिसाई। खाय मोर ललुआ ...

बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : रुपिया किलो गोहूँ दुइ रुपिया पिसाई। 
खाय मोर ललुआ ...
: रुपिया किलो गोहूँ दुइ रुपिया पिसाई।  खाय मोर ललुआ पोबै मोर दाई।  ।  तुमहूं गरीबी का पंचनामा बनबा ल्या  बोलिआय देवर हसै भउजाई।  ।  हेमरा...

बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : BAGHELI साथै पंडित नउआ लये बागा थें। ।

बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : BAGHELI साथै पंडित नउआ लये बागा थें। ।: बघेली मुक्तक  कोऊ अद्धी कोउ पउआ लये बागा थें ।  कोऊ तीतुर कोउ कउआ लये बागा थें। ।  लोकतंत्र के स्वयंवर मा कुर्सी बरय का  कोऊ साथै पंडित...

BAGHELI साथै पंडित नउआ लये बागा थें। ।

बघेली मुक्तक 
कोऊ अद्धी कोउ पउआ लये बागा थें । 
कोऊ तीतुर कोउ कउआ लये बागा थें।। 
लोकतंत्र के स्वयंवर मा कुर्सी बरय का 
कोऊ साथै पंडित नउआ लये बागा थें। । 
हेमराज हंस ===9575287490  

गुरुवार, 21 जनवरी 2016

चउकस  गिरा मघावट भाई। 
 जिव मा सबके तरावट आई।। 
गद्गद भै किसान कै छाती 
करिस सजावट धरती माई। । 
हेमराज हंस  
रुपिया किलो गोहूँ दुइ रुपिया पिसाई। 
खाय मोर ललुआ पोबै मोर दाई। । 
तुमहूं गरीबी का पंचनामा बनबा ल्या 
बोलिआय देवर हसै भउजाई। । 
हेमराज हंस 

मंगलवार, 19 जनवरी 2016

पीठे मा कोड़न के दाग देख ल्या। हेमराज हंस

पहिले पीठे मा   कोड़न के दाग देख ल्या
फेर गरीबन से आपन अनुराग देख ल्या।। 
डस रहे गरीबन का जे  गाँव गाँव मा 
दरबारन के पाले पोसे नाग देख ल्या। । 
हेमराज हंस   

कवि समाज के साथ ठाढ़ ह्वा थै ।। हेमराज हँस

वर्तमान आज के साथ ठाढ़ ह्वा थै । 
दरबारी ताज के साथ ठाढ़ ह्वा थै । 
पीरा के आँसू अगाधैं उरयाहै का 
कवि समाज के साथ ठाढ़ ह्वा थै । 
हेमराज हँस

कमाई दबाई मा जा थी हेमराज हंस

 अब भ्रष्टाचार कै चर्चा नही चलै। 
फलाने कहा थें ओखे बिन खर्चा नही चलै। । 
भले अजल्याम कै कमाई दबाई मा जा थी 
पै ओखे बिन घर का परचा नही चलै। । 
हेमराज हंस

सोमवार, 18 जनवरी 2016

फियुज बलफ से अजोर का उद्घाटन हेमराज हंस 9575287490

जब जन सेवक विकास खा रहे हें। 
ता बकुला शरम के मारे सल्फास खा रहे हें।। 
फियुज बलफ से अजोर का उद्घाटन 
बिजली घर सगला प्रकाश खा रहे हें। । 
हेमराज हंस                   9575287490