सोमवार, 18 जनवरी 2016

रविवार, 17 जनवरी 2016

पवाईदार दिया का दुपट्टा ताना थें। ।

सब सुरिज का सराहा थें निकहा माना थें। 
पै ओखर पवाईदार दिया का दुपट्टा ताना  थें। 
 ओरहन दये मा गिरहन कै धमकी 
दरबारी ओजोन परत मा कट्टा ताना थे। । 
हेमराज हंस  

हम गंगा लै आनित बइठ के नेबार मा। ।

चुङइलिन के भाव अबै नीक के ठंडान नही 
अभुआय लगे हें परेत पुन देबार मा। 
शहरन मा गॉवन मा घर घर दुआर मा। । 
कहिन सेंतै भागीरथ तपिस्या करिन तै 
हम गंगा लै आनित बइठ के नेबार मा। । 
हेमराज हंस

शनिवार, 16 जनवरी 2016

मटकी पर मटकी धरे मटकी मटकी जाय।
सागर की औकात क्या कुम्भज लिया समाय। । 
जनता का पलुहा रहें दय  दय के लहकउर। 
गोबर से घिनहा थें धरे चउक मा गउर। । 
हेमराज हंस    

आबा नियर चुनाव। ।

गुण्डा लागैं सन्त कस  बदला यतर सुभाव। 
कहिन फलाने अस लगै आबा नियर चुनाव। । 
हेमराज हंस 

बुधवार, 30 दिसंबर 2015

बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : चढ़ी ही धन्ना सेठी भाई।।

बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : चढ़ी ही धन्ना सेठी भाई।।: पकडे रहा मुरेठी भाई।  चढ़ी ही धन्ना सेठी भाई। ।  आन के बहिनी बिटिया कही  उइं मारा थें सेटी भाई। ।  जो जोरई कै दबा न डरिहा  सब खा ल्या ह...

चढ़ी ही धन्ना सेठी भाई।।

पकडे रहा मुरेठी भाई। 
चढ़ी ही धन्ना सेठी भाई।। 
आन के बहिनी बिटिया कही 
उइं मारा थें सेटी भाई। । 
जो जोरई कै दबा न डरिहा 
सब खा ल्या है घेटी भाई। । 
नेता हार लगाबै ल्याखा 
को को लइ गा पेटी भाई। । 
 खूब किहिन्  मस्ती कलेज मा
आय गें एटी केटी भाई। । 
तुम सब आपन दुःख कहि डॉरय 
ओही लाग पुनेठी भाई। । 
सबै पालटी हइ दगाहिल 
को लहुरी को जेठी भाई। । 
हेमराज हँस 
   

बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : बड़ा अमारक जाड़ है ठठुरा है परधान।

बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : बड़ा अमारक जाड़ है ठठुरा है परधान।: बघेली दोहा  बड़ा अमारक जाड़ है ठठुरा है परधान।  उइं बिदुराती हईं कह 'दुइ रूई 'का उपखान। ।  । । हेमराज हँस । । 

बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : कोऊ लहुर बनै का तयार नहि आय। हेमराज हँस

बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : कोऊ लहुर बनै का तयार नहि आय। हेमराज हँस: कोऊ लहुर बनै का तयार नहि आय।  चल चली हेन प्रेम कै बयार नहि आय। ।  उनखे घर मा संगमरमर जड़ा है  मिर्रा के घर मा मयार नहि आय। ।  हेमराज हँस...