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सोमवार, 28 दिसंबर 2015
बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : बड़ा अमारक जाड़ है ठठुरा है परधान।
बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : बड़ा अमारक जाड़ है ठठुरा है परधान।: बघेली दोहा बड़ा अमारक जाड़ है ठठुरा है परधान। उइं बिदुराती हईं कह 'दुइ रूई 'का उपखान। । । । हेमराज हँस । ।
बड़ा अमारक जाड़ है ठठुरा है परधान।
बघेली दोहा
बड़ा अमारक जाड़ है ठठुरा है परधान।
उइं बिदुराती हईं कह 'दुइ रूई 'का उपखान।।
। । हेमराज हँस । ।
बड़ा अमारक जाड़ है ठठुरा है परधान।
उइं बिदुराती हईं कह 'दुइ रूई 'का उपखान।।
। । हेमराज हँस । ।
Labels:
दोहा
Location:
Maihar, Madhya Pradesh 485771, India
शनिवार, 19 दिसंबर 2015
बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : bagheli sahitya पहिले लोकतन्त्र का गुंडन से बचाबा...
बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : bagheli sahitya पहिले लोकतन्त्र का गुंडन से बचाबा...: बघेली मुक्तक पहिले लोकतन्त्र का गुंडन से बचाबा। ओही माहुर भरे कुण्डन से बचाबा। । गुतका औ चुम्मा का खेल जनता देखा थी देस...
bagheli sahitya पहिले लोकतन्त्र का गुंडन से बचाबा।
बघेली मुक्तक
पहिले लोकतन्त्र का गुंडन से बचाबा।
ओही माहुर भरे कुण्डन से बचाबा।।
गुतका औ चुम्मा का खेल जनता देखा थी
देस का पाखण्डी पण्डन से बचाबा। ।
हेमराज हँस
पहिले लोकतन्त्र का गुंडन से बचाबा।
ओही माहुर भरे कुण्डन से बचाबा।।
गुतका औ चुम्मा का खेल जनता देखा थी
देस का पाखण्डी पण्डन से बचाबा। ।
हेमराज हँस
मंगलवार, 15 दिसंबर 2015
बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : bagheli kavita सरासरीहन लबरी हिबै मोबाइल मा।
बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : bagheli kavita सरासरीहन लबरी हिबै मोबाइल मा।: बघेली सरासरीहन लबरी हिबै मोबाइल मा। सुन्दर कानी कबरी हिबै मोबाइल मा। । क्याखर कासे प्यार की बातैं होती हैं दबी मुदी औ तबरी हिबै ...
bagheli kavita सरासरीहन लबरी हिबै मोबाइल मा।
बघेली
सरासरीहन लबरी हिबै मोबाइल मा।
सुन्दर कानी कबरी हिबै मोबाइल मा। ।
क्याखर कासे प्यार की बातैं होती हैं
दबी मुदी औ तबरी हिबै मोबाइल मा। ।
विस्वामित्र मिसकॉल देख बिदुराय लगें
अहा !मेनका परी हिबै मोबाइल मा। ।
नई सदी के हमूं पांच अपराधी हन
जाति गीध कै मरी हिबै मोबाइल मा। ।
कोउ हल्लो कहिस कि आँखी भींज गयीं
कहू कै खुश खबरी हिबै मोबाइल मा। ।
अब ता दण्डकवन से बातें होती हैं
श्री राम कहिन कि शबरी हिबै मोबाइल मा। ।
''हँस ''बइठ हें भेंड़ा भिण्ड बताउथें
सरासरीहन लबरी हिबै मोबाइल मा।
हेमराज हँस
सरासरीहन लबरी हिबै मोबाइल मा।
सुन्दर कानी कबरी हिबै मोबाइल मा। ।
क्याखर कासे प्यार की बातैं होती हैं
दबी मुदी औ तबरी हिबै मोबाइल मा। ।
विस्वामित्र मिसकॉल देख बिदुराय लगें
अहा !मेनका परी हिबै मोबाइल मा। ।
नई सदी के हमूं पांच अपराधी हन
जाति गीध कै मरी हिबै मोबाइल मा। ।
कोउ हल्लो कहिस कि आँखी भींज गयीं
कहू कै खुश खबरी हिबै मोबाइल मा। ।
अब ता दण्डकवन से बातें होती हैं
श्री राम कहिन कि शबरी हिबै मोबाइल मा। ।
''हँस ''बइठ हें भेंड़ा भिण्ड बताउथें
सरासरीहन लबरी हिबै मोबाइल मा।
हेमराज हँस
सोमवार, 14 दिसंबर 2015
bagheli sahitya
उइ ठेगरी लगबा रहें मार मार के ख्वाँग।
औ जनता बिदुराथी देखि देखि के स्वाँग। ।
हेमराज हंस
औ जनता बिदुराथी देखि देखि के स्वाँग। ।
हेमराज हंस
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दोहा
Location:
Maihar, Madhya Pradesh 485771, India
रविवार, 13 दिसंबर 2015
बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : hemraj hans कुम्हार के माटी मा कांकर नही होय।
बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : hemraj hans कुम्हार के माटी मा कांकर नही होय।: मुक्तक कुम्हार के माटी मा कांकर नही होय। जनता कुरसी कै चाकर नही होय।। उई बहुरूपियन का जाके बता द्या समय के केमार मा सॉकर नही हो...
बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : उइं बड्डे 'धरमराज 'हें जुऑ खेला थें।
बघेली साहित्यbagheli sahitya हेमराज हंस : उइं बड्डे 'धरमराज 'हें जुऑ खेला थें।: उइं बड्डे 'धरमराज 'हें जुऑ खेला थें। परयाबा के खोधइला म सुआ खेला थें। । दुआर से कहि द्या कि सचेत रहैं आज काल्ह केमरा से घुआ ख...
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