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बुधवार, 19 अगस्त 2015
बघेली साहित्य हेमराज हंस : bagheli kavi hemraj hans -उई '' सभ्भदारन ''का जाक...
बघेली साहित्य हेमराज हंस : bagheli kavi hemraj hans -उई '' सभ्भदारन ''का जाक...: मुक्तक जन सेवक चाही सुभाव से गभुआर अस। जे सबका देखै संबिधान के सरकार अस। । उई '' सभ्भदारन ''का जाके बता द्या ...
बघेली साहित्य हेमराज हंस : bagheli kavita hemraj hansरिम झिम रिम झिम मेघा बरख...
बघेली साहित्य हेमराज हंस : bagheli kavita hemraj hansरिम झिम रिम झिम मेघा बरख...: पावस कै रित आई रिम झिम रिम झिम मेघा बरखै , थिरकि रही पुरवाई। धरती ओडिस हरियर चुनरी पावस कै रित आई। । भरे दबादब ताल तलैया कहूँ चढ़ी...
bagheli kavita hemraj hansरिम झिम रिम झिम मेघा बरखै , थिरकि रही पुरवाई।
पावस कै रित आई
रिम झिम रिम झिम मेघा बरखै , थिरकि रही पुरवाई।
धरती ओडिस हरियर चुनरी पावस कै रित आई। ।
भरे दबादब ताल तलैया कहूँ चढ़ी ही बाढ़।
एकव वात न लेय किसनमा जब से लगा असाढ़। ।
बोबै बिदाहै रोंपै नीदै करै नीक खेतवाई। ।
भउजी बइठे कजरी गौती भाई आल्हा बाँचै।
टिहुनी भर ब्वदा मा गाँवन की चौपालै नाचैं। ।
करै पपीहा गोइड़हरे मा स्वाती केर तकाई। ।
रिम झिम रिम झिम मेघा बरखै थिरकि रही पुरवाई। ।
गऊ चरनी सब जोतर गईं ही रखड़उनी मा बखरी।
धधी सार मा गइया रोमै खूब बमाती बपुरी। ।
''मैया धेनु चरामै जइहव ''मचले किशन कन्हाई।
रिम झिम रिम झिम मेघा बरखै थिरकि रही पुरवाई। ।
चउगानन का अतिक्रमन लील गा लगी गली मा बारी।
मुड़हर तक जब पानी भरिगा रोमै लाग ओसारी। ।
हंस कहिन की खूब फली सरपंचन केर मिताई।
रिम झिम रिम झिम मेघा बरखै थिरकि रही पुरवाई। ।
चुअय लाग छत स्कूलन कै दइव बजाबै ढोल।
एक दउगरै मा लागत कै खुल गै सगली पोल। ।
विदया के मंदिर मा टोरबा भींजत करैं पढ़ाई।
रिम झिम रिम झिम मेघा बरखै थिरकि रही पुरवाई। ।
जब उई पउलै लगें मेंड़ त ख्यात का लगिगा सदमा।
दोउ परोसी लपटें झपटें हिंठै लाग मुकदमा। ।
सर सेवाद ता कुछू न निकला करिन वकील लुटाई।
रिम झिम रिम झिम मेघा बरखै थिरकि रही पुरवाई।
हेमराज हंस --9575287490
गऊ चरनी सब जोतर गईं ही रखड़उनी मा बखरी।
धधी सार मा गइया रोमै खूब बमाती बपुरी। ।
''मैया धेनु चरामै जइहव ''मचले किशन कन्हाई।
रिम झिम रिम झिम मेघा बरखै थिरकि रही पुरवाई। ।
चउगानन का अतिक्रमन लील गा लगी गली मा बारी।
मुड़हर तक जब पानी भरिगा रोमै लाग ओसारी। ।
हंस कहिन की खूब फली सरपंचन केर मिताई।
रिम झिम रिम झिम मेघा बरखै थिरकि रही पुरवाई। ।
चुअय लाग छत स्कूलन कै दइव बजाबै ढोल।
एक दउगरै मा लागत कै खुल गै सगली पोल। ।
विदया के मंदिर मा टोरबा भींजत करैं पढ़ाई।
रिम झिम रिम झिम मेघा बरखै थिरकि रही पुरवाई। ।
जब उई पउलै लगें मेंड़ त ख्यात का लगिगा सदमा।
दोउ परोसी लपटें झपटें हिंठै लाग मुकदमा। ।
सर सेवाद ता कुछू न निकला करिन वकील लुटाई।
रिम झिम रिम झिम मेघा बरखै थिरकि रही पुरवाई।
हेमराज हंस --9575287490
शनिवार, 15 अगस्त 2015
bagheli kavi hemraj hans -उई '' सभ्भदारन ''का जाके बता द्या
मुक्तक
जन सेवक चाही सुभाव से गभुआर अस।
जे सबका देखै संबिधान के सरकार अस। ।
उई '' सभ्भदारन ''का जाके बता द्या
सदन माही रहबा करैं गाँव के भुइयार अस। ।
हेमराज हंस 9575287490
गुरुवार, 13 अगस्त 2015
मंगलवार, 11 अगस्त 2015
त्राहिमाम जनता
त्राहिमाम जनता करय गुंडा हाकै राज।
मुड़धारियन के कण्ठ से निकरै नही अबाज। ।
हेमराज हंस ---9575287490
Labels:
दोहा
Location:
Maihar, Madhya Pradesh 485771, India
मंगलवार, 4 अगस्त 2015
सोमवार, 3 अगस्त 2015
रविवार, 2 अगस्त 2015
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बघेली साहित्य हेमराज हंस : बघेली साहित्य हेमराज हंस : शोषण करते जाति का स्व...: बघेली साहित्य हेमराज हंस : शोषण करते जाति का स्वयं जाति के लोग। । हेमराज हंस... : बने हितैषी घूमते रचते नाना ढोंग। शोषण करते जाति का स्...
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